Bhagalpur News: भागलपुर जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में जिला स्तर पर नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण को लेकर जिला स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई. बैठक का मुख्य उद्देश्य भारतीय दंड संहिता की नई व्यवस्था के अंतर्गत अंतर-संचालनीय आपराधिक न्याय प्रणाली (ICJS) को जमीनी स्तर पर लागू करना था.
बैठक में जिला अभियोजन पदाधिकारी-सह-सदस्य सचिव, फॉरेंसिक डायरेक्टर, नवगछिया और भागलपुर के कारा अधीक्षक, लोक अभियोजक और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भागलपुर हृदय कांत और पुलिस अधीक्षक नवगछिया प्रेरणा कुमार ने बताया कि टीसीएस के माध्यम से जिले के अधिकांश थानों को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम (CCTNS) से जोड़ दिया गया है, और शेष थानों को भी शीघ्र जोड़ा जाएगा.
न्यायिक प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की पहल
इस प्रणाली के जरिए पुलिस, न्यायालय, अभियोजन, फॉरेंसिक और जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जैसे सभी विभागों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा, ताकि मामलों का त्वरित निष्पादन सुनिश्चित हो सके. तीनों नए आपराधिक कानूनों के लिए ज़िले में मास्टर ट्रेनर नियुक्त कर प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित करने की योजना है.
लैपटॉप, मोबाइल और ई-साक्ष्य अपलोडिंग की सुविधा
दोनों पुलिस अधीक्षकों ने जानकारी दी कि अनुसंधान पदाधिकारियों और थाना प्रभारियों को मोबाइल और लैपटॉप की सुविधा दी गई है, जिससे वे एफआईआर, चार्जशीट, और वीडियोग्राफी जैसे दस्तावेज ई-साक्ष्य ऐप पर अपलोड कर सकें. फॉरेंसिक टीम भी इसी ऐप पर अपना साक्ष्य अपलोड करेगी.
फॉरेंसिक वैन और संरक्षित केंद्र की सुविधा उपलब्ध
बैठक में उपस्थित फॉरेंसिक निदेशक ने बताया कि जिले में चार हाई-टेक फॉरेंसिक वैन कार्यरत हैं. साथ ही, भागलपुर स्थित एफएसएल (FSL) के क्षेत्रीय कार्यालय में फॉरेंसिक साक्ष्य को संरक्षित रखने की सुविधा भी मौजूद है.
नवगछिया और भागलपुर में अभियोजन भवन के लिए स्थल चयन
बैठक में नवगछिया और भागलपुर में अभियोजन भवन निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल चयन पर भी चर्चा हुई. साथ ही, बंदियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Multi VC Project) के माध्यम से न्यायालय में उपस्थिति के लिए न्यायालय कक्ष निर्माण पर विचार किया गया.
नए कानूनों पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धाराओं 479 और 472, तथा ई-प्रिजन की कार्यशीलता पर भी चर्चा की गई। साथ ही, जनमानस को नए कानूनों के प्रति जागरूक करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया.