Bhagalpur News: पटना में मानसून से पहले जलनिकासी के लिए जहां 2179 लाख रुपये की 14 योजनाओं को महज 24 घंटे में मंजूरी दे दी गयी, वहीं भागलपुर के लिए तीन साल से लंबित 275 करोड़ की स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज योजना अब भी सरकारी फाइलों में दबी हुई है. नगर निगम से लेकर पूर्व डीएम और मेयर तक ने इस पर लगातार पहल की, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया. इस दोहरे रवैये से साफ है कि मानसून में पटना को राहत मिलेगी और भागलपुर एक बार फिर जलजमाव की आफत झेलेगा.

पटना को मिली त्वरित राहत, भागलपुर अब भी इंतजार में

मानसून के दस्तक देते ही राज्य सरकार ने पटना के लिए जलनिकासी की दिशा में 2179.72 लाख रुपये की 14 योजनाएं सिर्फ 24 घंटे में मंजूर कर दी. इस फैसले से राजधानी को जलजमाव से राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं भागलपुर के लोगों के लिए यह मानसून एक बार फिर आफत लेकर आने वाला है, क्योंकि यहां की 275 करोड़ की स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज योजना तीन वर्षों से फाइलों में दबी हुई है.

फाइल पर बैठा है सिस्टम, नहीं हुई अब तक कोई स्वीकृति

भागलपुर नगर निगम ने इस योजना की फाइल तीन साल पहले भेजी थी, जिसे पूर्व डीएम सुब्रत सेन ने संशोधित कर राज्य सरकार को भेजा था. मेयर व अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इसे स्वीकृत कराने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन, आज तक सरकार की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. इस उदासीनता से स्पष्ट है कि क्षेत्रीय संतुलन के नाम पर निर्णयों में भेदभाव बरता जा रहा है.

पटना बनाम भागलपुर: दोहरी नीति का उदाहरण

पटना में विकास योजनाओं पर निर्णय तेजी से लिए जाते हैं. इसके उलट भागलपुर को हर बार अनदेखी का सामना करना पड़ता है. परिणामस्वरूप यहां मानसून के दौरान सड़कें जलमग्न हो जाती हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है.

क्या है स्ट्रॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम

यह एक इंजीनियरिंग प्रणाली है जिसमें बारिश के पानी को पाइप, चैंबर और नालों के जरिये सुरक्षित तरीके से बहाकर नदियों तक पहुंचाया जाता है. इससे पानी सड़कों और गलियों में नहीं रुकता और जलजमाव से राहत मिलती है. शहरी इलाकों में यह सिस्टम बेहद आवश्यक होता है, खासकर जहां जमीन कंक्रीट से ढकी हो और पानी जमीन में नहीं समा पाता.

तीन साल से लंबित है 275 करोड़ की योजना

भागलपुर में जलनिकासी के स्थायी समाधान के लिए 2019 में योजना बनी थी. पूर्व मेयर सीमा साह ने इसकी नींव रखी थी. इसके बाद कागजी कार्यवाही तो हुई, लेकिन सरकार की मंजूरी अब तक नहीं मिल सकी है.

हर मानसून में डूब जाती हैं ये सड़कें

  1. भीखनपुर – शीतला स्थान रोड
  2. गुड़हट्टा चौक – शीतला स्थान चौक वैकल्पिक बाइपास रोड
  3. आदमपुर – आकाशवाणी चौक रोड
  4. मोती मिश्रा लेन, भीखनपुर
  5. वेरायटी चौक – सूजागंज रोड
  6. दही टोला लेन
  7. कलाली गली
  8. वेरायटी चौक – लोहपट्टी रोड
  9. लोहिया पुल के नीचे बस स्टैंड – स्टेशन रोड
  10. कंपनीबाग रोड
  11. निगम जोनल ऑफिस – सिकंदपुर रोड
  12. सिकंदपुर – कोबीबाड़ी रोड
  13. हुसैनाबाद मुख्य मार्ग
  14. बाल्टीकारखाना चौक – मिरजानहाट रोड
  15. मारुफचक रोड सहित अन्य

केवल दिखावे की सफाई, वेतन नहीं तो काम भी नहीं

भागलपुर नगर निगम में वर्तमान में प्रभारधारी अफसरों के पास वित्तीय अधिकार नहीं हैं. इससे एजेंसियों को भुगतान नहीं हो सका है और सफाईकर्मियों को दो माह से वेतन नहीं मिला है. सफाई और जलनिकासी कार्य सिर्फ ऊपरी तौर पर किए जा रहे हैं. कई जगह नालों की उड़ाही तो हो रही है, लेकिन मुहाने बंद पड़े हैं, जिससे ओवरफ्लो का खतरा बना हुआ है.

“नगर विकास मंत्री से अनुरोध किया गया था. उन्हें एक बार फिर से याद दिलाया जायेगा. योजना को स्वीकृत कराने की कोशिश की जायेगी. क्योंकि, इस सिस्टम से ही शहर को जलजमाव से राहत मिल सकती है.”
– डॉ बसुंधरा लाल, मेयर

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