Bhagalpur: भागलपुर में महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज का महापरिनिर्वाण दिवस बुधवार, 4 जून को महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पाघाट में मनाया जाएगा. इस अवसर पर आश्रम में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें ध्यानाभ्यास, सत्संग, प्रवचन और समाधि स्थल पर पुष्पांजलि शामिल है.
कार्यक्रम और आयोजन
कुप्पाघाट के स्वामी पंकज बाबा ने बताया कि 4 जून को सुबह 7 बजे से ध्यान-सत्संग, भजन-कीर्तन, प्रवचन के बाद संतसेवी जी महाराज के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि और प्रसाद वितरण किया जाएगा. आश्रम के संजय बाबा ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम दोपहर 3 बजे से शुरू होगा, जिसमें स्तुति-विनती ग्रंथ पाठ के बाद महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला जाएगा. इस मौके पर हजारों सत्संगी और श्रद्धालु कुप्पाघाट में संतसेवी जी महाराज की भव्य समाधि मंदिर में माथा टेकेंगे.
महर्षि संतसेवी परमहंस जी महाराज: एक परिचय
संतसेवी जी महाराज का जन्म 20 दिसंबर 1920 को मधेपुरा जिले के गम्हरिया गांव में हुआ था. बचपन से ही उनकी आध्यात्मिक प्रवृत्ति दिखाई देने लगी थी. वे भगवान शिव के भक्त थे और अक्सर सिंहेश्वर स्थान जाया करते थे. श्री बजरंग बली के प्रति भी उनकी गहरी श्रद्धा थी और वे प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करते थे. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गांव में ही प्राप्त की और 1937 में मिडिल की परीक्षा पास की. बाल्यकाल से ही वे तीक्ष्ण बुद्धि के थे और अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम या द्वितीय स्थान प्राप्त करते थे. उन्हें हिंदी और गणित में विशेष रुचि थी, जिसके कारण उनकी हिंदी भाषा आगे चलकर बहुत अच्छी हो गई.
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