Bhagalpur News: ट्रेनों के सुरक्षित और समयबद्ध संचालन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मालदा मंडल लगातार प्रयासरत है. इसी कड़ी में, मंडल रेल प्रबंधक यतीश कुमार के मार्गदर्शन में, 18 मई, 2025 (रविवार) को कहलगांव-लैलख ममलखा सेक्शन के मवेशी टकराव संभावित क्षेत्रों में एक व्यापक जन जागरूकता कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया.
अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय को विभिन्न असुरक्षित और खतरनाक गतिविधियों जैसे मवेशी टकराव (CRO), चेन खींचना (Alarm Chain Pulling), मानव टकराव (Human Run Over), पथराव (Stone Pelting), ट्रैक पर अतिक्रमण, पटरियों पर वस्तुएं रखना, सिग्नल उपकरणों के साथ छेड़छाड़ और रेल परिसर के आसपास मवेशियों को चराना के प्रति जागरूक करना था.
अधिकारियों का संवाद और चेतावनी
इस कार्यक्रम के दौरान, परिचालन, इंजीनियरिंग और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) विभाग के अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों के साथ सीधा संवाद किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की गतिविधियां न केवल मानव और पशु जीवन के लिए घातक हैं, बल्कि रेल संचालन में भी गंभीर बाधा उत्पन्न करती हैं. अधिकारियों ने यह भी बताया कि रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत ऐसे कृत्यों के लिए दंड का प्रावधान है.
मवेशी टकराव (CRO) पर विशेष जोर
अभियान में विशेष रूप से मवेशी टकराव (CRO) की समस्या पर बल दिया गया, जो एक गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है. ग्रामीणों को समझाया गया कि पटरियों के पास आवारा मवेशियों की उपस्थिति से कितनी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं. उन्हें सुरक्षित और उत्तरदायी पशुपालन के लिए प्रोत्साहित किया गया. अधिकारियों ने यह भी बताया कि मवेशी टकराव की घटनाओं से ट्रेन संचालन में गंभीर देरी होती है, जिससे रेलवे को भारी परिचालन और आर्थिक नुकसान होता है.
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आंकड़े और समुदाय की भागीदारी
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक मालदा मंडल में मवेशी टकराव (CRO) की 245 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से 25 मामले साहिबगंज-भागलपुर सेक्शन में सामने आए हैं.
इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय से सीधा संवाद स्थापित कर सुरक्षा और सतर्कता की भावना को बढ़ावा देना था. संवादात्मक सत्रों और जन संपर्क गतिविधियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि रेलवे सुरक्षा बनाए रखने में समुदाय की सक्रिय भागीदारी अत्यंत आवश्यक है.