Bhagalpur News: भागलपुर में गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे शहर की कई अहम विकास योजनाएं बाढ़ की भेंट चढ़ सकती हैं. बीते 24 घंटे में जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे गंगा किनारे के इलाकों में बेचैनी बढ़ गई है. निचले इलाके जैसे इंजीनियरिंग कॉलेज, बाबूपुर मोड़ और मसाढ़ू गांव के लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन की तैयारी में हैं.
समानांतर पुल, एसटीपी और जलापूर्ति पर मंडराया खतरा
तेजी से बढ़ते जलस्तर का सीधा असर तीन बड़े प्रोजेक्ट्स पर दिख सकता है—विक्रमशिला समानांतर पुल, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और गंगा जलापूर्ति योजना. तीनों योजनाओं का काम गंगा किनारे या नदी के ऊपर हो रहा है, और जलस्तर की स्थिति ऐसी ही बनी रही तो कार्यों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ सकता है.
जलापूर्ति प्रोजेक्ट की फिनिशिंग टली, अप्रोच चैनल फिर अधर में
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वाटर वर्क्स परिसर में चल रहे जलापूर्ति प्रोजेक्ट की बिल्डिंग का ढांचा तो बन चुका है, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण फिनिशिंग और अन्य तकनीकी कार्य अब रोकने की स्थिति में आ गए हैं. खासतौर पर इंटक वेल के पास प्रस्तावित अप्रोच चैनल का निर्माण अब कम से कम तीन महीने के लिए टल सकता है. हालांकि जलमीनारों का ट्रायल हाल में पूरा किया गया है, जिससे उम्मीद बनी हुई है.
कटाव निरोधक योजना अधूरी, अब बाढ़ में फंसने का खतरा
मसाढ़ू गांव को बचाने के लिए चल रही 26.22 करोड़ की कटाव रोकने वाली योजना भी अब बाढ़ के पानी में उलझ सकती है. 15 मई तक काम पूरा होना था, लेकिन दो बार डेडलाइन बढ़ाने के बाद भी अब तक सिर्फ 825 मीटर काम हुआ है. 1500 मीटर की कुल लंबाई में खेतिहर इलाके वाला हिस्सा अभी अधूरा है. विभाग का कहना है कि गांव के घरों के पास का प्रमुख हिस्सा सुरक्षित कर लिया गया है, लेकिन शेष कार्य तभी होगा जब जलस्तर सामान्य होगा.
जानें, इसे
विक्रमशिला समानांतर पुल – गंगा पर निर्माणाधीन है.
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) – गंगा किनारे कार्य चल रहा है.
गंगा जलापूर्ति योजना – वाटर वर्क्स परिसर सहित गंगा किनारे चल रहा है कार्य.
कटाव निरोधक योजना (मसाढ़ू गांव) – 26.22 करोड़ की योजना, जिसकी डेडलाइन दो बार बढ़ चुकी है.
विभाग का दावा और इंजीनियर की चेतावनी
बुडको के कार्यपालक अभियंता अखिलेश प्रसाद ने कहा कि एसटीपी का अधिकतर काम गंगा के ऊपर है और करीब-करीब पूरा हो चुका है. केवल बिजली कनेक्शन की देरी के कारण ट्रायल नहीं हो पाया. अप्रोच चैनल का काम अब मुश्किल हो सकता है, अगर जलस्तर और बढ़ा तो कुछ काम रुक सकते हैं.
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