Bhagalpur News: भागलपुर और बांका जिले के काफी लोग दूसरे प्रदेश में रहकर कमाई कर रहे हैं. इन लोगों में किसी न किसी की हर महीने मौत हो जा रही है और जानकारी के अभाव में उन्हें आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती है. भवन गिरने से अगर दबकर मौत हो जाती है या सड़क व रेल दुर्घटना के शिकार होते हैं अथवा आपराधिक आक्रमण में जान चली जाती है, तो आश्रितों को अब पहले से दोगुनी सहायता राशि मिलेगी. श्रम संसाधन विभाग द्वारा बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना चलायी जा रही है और इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि को दोगुनी कर दी गयी है.
दरअसल,बड़ी संख्या में भागलपुर और बांका से लोग जीवन यापन के लिए दूसरे प्रदेश का रुख करते हैं. वह दूसरे प्रदेश में मजदूरी कर जीवनयापन करते हैं. मजदूरी के दौरान अक्सर सुनने को मिलता है कि उसकी मौत हो गयी है. ऐसी स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर मजदूर परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए श्रम संसाधन विभाग की इस योजना का लाभ मिलता है.
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श्रम विभाग में आश्रितों का हर माह आ रहा आवेदन
भागलपुर जिले से दूसरे प्रदेश में कमाई करने जाने वालों में से हर माह एक-दो लोगों की मौत पर आश्रितों को सहायता राशि दी जा रही है. श्रम विभाग के अनुसार इस साल जनवरी से अबतक 20-25 लोगों की मौत हो गयी है और आश्रित की ओर से आवेदन आया है, जिसका निबटारा किया जा रहा है.
किस तरह की है योजना?
इस योजना के तहत 18 से 65 आयु वर्ग वाले प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेश या राज्य से बाहर अन्य प्रांतों या विदेशों में जीवन यापन के उद्देश्य जाते हैं. उन्हें दुर्घटना के दौरान स्थायी व अस्थायी अपंगता की स्थिति में अनुदान देने का प्रावधान है. साथ दुर्घटना में मौत पर आश्रित को आर्थिक सहायता मिलती है.
अनुदान राशि हुआ दोगुना
- दुर्घटना मृत्यु की स्थिति में: 02 लाख रुपये
- स्थायी पूर्ण अपंगता की स्थिति में :01 लाख रुपये
- स्थायी आंशिक अपंगता की स्थिति में : 50 हजार रुपये
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इन घटनाओं में मिलती है मदद
रेल एवं सड़क दुर्घटना, बिजली करंट, सर्पदंश, अग्नि, पेड़ या भवन गिरने, जंगली जानवरों का आक्रमण, आतंकवादी या आपराधिक में मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि आश्रितों को मिलेगी.
इन घटनाओं में नहीं मिलेगी आर्थिक सहायता राशि
स्वयं या लगाया गया चोट, आत्महत्या, नशे के कारण मौत, आपराधिक गतिविधियों में क्षति और मृत्यु पर इस योजना के तहत आर्थिक सहायता राशि नहीं मिलेगी.
कितने दिनों में होता आवेदन का निपटारा?
आवेदन स्वयं या उनके अथवा आश्रित को आटीपीएस काउंटर या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. बीडीओ से प्राप्त अनुशंसा के अलोक में श्रम अधीक्षक के माध्यम से डीएम द्वारा आवेदन स्वीकृत किया जायेगा. श्रम अधीक्षक को योजना का प्रभारी बनाया गया है. आवेदन का निपटारा 44 दिनों में किया जाता है.
दूसरे प्रदेश हो रही कामगारों की में मौत पर आश्रितों के आवेदन का निबटरा किया जा रहा है. अनुदान राशि दोगुनी हो गयी है. दुर्घटना में मृत्यु, स्थायी पूर्ण अपंगता व स्थायी आंशिक अपंगता पर सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है.-निखिल कुमार रंजन, असिस्टेंट लेबर कमिश्नर, भागलपुर