Airport को संवारने के पीछे सालों-साल लगा रहा दो विभाग, अभी स्मार्ट सिटी कंपनी कर रही कोशिश. बावजूद, इसके स्थिति कुछ ठीक नहीं है.
Airport पहले भवन निर्माण विभाग ने इस पर खूब खर्च किया. इसके बाद बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड खर्च करने आगे आया. वर्तमान में स्मार्ट सिटी खर्च कर रही है. अब पथ निर्माण विभाग ने प्लानिंग की है. काम एजेंसी केा माध्यम से होगी. एजेंसी बहाली की प्रक्रिया अपनायी जाने लगी है लेकिन, शहरवासी हवाई सेवा की सुविधा से आज भी वंचित है.
04 करोड़ बनेगा रनवे, ये होगा काम
हवाई अड्डा के रनवे निर्माण पर चार करोड़ खर्च होंगे. इस राशि से अप्रोच रोड भी बनेगा. साथ में मार्किंग और साइनेज भी करना है. रनवे और अप्रोच रोड का निर्माण अलकतरा से किया जाना है. यह काम तीन महीने में पूरा करना चयनित एजेंसी के लिए अनिवार्य होगा. जारी निविदा के तहत तकनीकी बिड 22 जून को खोली जायेगी. जितनी भी एजेंसियां निविदा भरेगी, उनके कागजातों का मूल्यांकन होगा. इसमें सफल एजेंसियों का फाइनेंसियल बिड खोला जायेगा. जिनके नाम से यह बिड खुलेगा, उन्हें काम करने के लिए वर्क ऑर्डर जारी करेगा.
टहलने, शौच व चारागाह के लिए हो रहा हवाई अड्डा का इस्तेमाल
वर्तमान समय में हवाई हड्डा की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. हवाई अड्डा की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. लोगों के लिए परिसर में प्रवेश करना आसान है. परिणामस्वरूप रनवे पर जहां हवाई जहाज को दौड़ता चाहिए था, वहां कार ड्राइविंग स्थल बना हुआ है. यह पशुओं के लिए चारागाह बन हुआ है. इसमें प्रवेश करने के लिए सबसे आसान रास्ता गोपालपुर रेलवे पुल से उतरने के साथ है. यहां से शॉटकर्ट लेकर जेल के नजदीक पहुंचने के लिए हवाई अड्डा का इस्तेमाल हो रहा है. वहीं, लोग टहलने के लिए हवाई अड्डा काे पार्क के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. यह सिलसिला काफी दिनों से जारी है, जिस पर अबतक अंकुश नहीं लग सका है. प्रशासनिक अधिकारी मूक दर्शक बनी हुई है. उल्लेखनीय है कि पांच साल पहले स्काइ फिशर एयरवेज लिमिटेड की ओर से जब तय हो गया था कि हवाई सेवा शुरू की जायेगी, तो पुलिस बलों को हवाई अड्डा की सुरक्षा में लगाया गया था. कुछ दिनों तक लोगों के प्रवेश पर तब रोक लगी थी लेकिन, इसके बाद से अभी स्थिति जस की तस है.
अबतक कितनी राशि खर्च हुई है :
- भवन निर्माण विभाग : 1.33 करोड़ रुपये
- बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड : 34 लाख रुपये (लाउंज)
- बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड : 98 लाख (चहारदीवारी)
- भवन निर्माण विभाग : 98 लाख रुपये (रनवे व अप्रोच रोड)
- स्मार्ट सिटी कंपनी : 14.10 करोड़ रुपये