Banka News: भागलपुर जिले के बौंसी क्षेत्र की ग्रामीण जलापूर्ति योजना को सात वर्षों में भी पूरा नहीं कर सकने वाली पटना की एजेंसी मेसर्स जीएलआर ट्रेडर्स एंड इंडस्ट्रीज पर आखिरकार कार्रवाई हो गई. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) ने विभागीय अनुशंसा के आधार पर इस एजेंसी को पांच वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है. इसका असर यह होगा कि अब यह एजेंसी पूरे बिहार में किसी भी सरकारी टेंडर में भाग नहीं ले सकेगी.
बौंसी की 10 हजार से ज्यादा आबादी अब भी जल संकट से जूझ रही है. विभाग का मानना है कि एजेंसी की लापरवाही और काम के प्रति उदासीन रवैये ने न केवल सरकारी संसाधनों की बर्बादी की, बल्कि हजारों ग्रामीणों को योजनाबद्ध पेयजल आपूर्ति से वंचित रखा.
2018 में मिला था काम, 2020 तक पूरी होनी थी योजना
बौंसी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के पुनर्गठन, परिचालन और रखरखाव का कार्य एजेंसी को वित्तीय वर्ष 2018-19 में आवंटित किया गया था. अनुबंध के तहत 18 अगस्त 2020 तक योजना पूरी करनी थी. लेकिन तय समय तक न योजना पूरी हुई और न ही कोई ठोस प्रगति दिखाई दी. विभाग ने एजेंसी को अतिरिक्त आठ महीने का समय भी दिया, बावजूद इसके कार्य में लापरवाही जारी रही.
Also Read-आधी अधूरी उड़ाही ने डुबाया भागलपुर, आधे घंटे की बारिश में तीन घंटे जलजमाव
जांच के बाद विभाग ने मानी जिम्मेदारी
विभागीय समीक्षा में स्पष्ट रूप से सामने आया कि सात वर्षों के लंबे कालखंड में भी एजेंसी ने ठोस काम नहीं किया. जांच रिपोर्ट में यह भी उल्लेखित किया गया कि योजनागत असफलता का कारण कार्य निष्पादन में निरंतर शिथिलता और प्रगति की कमी रही. इसी आधार पर विभाग ने कार्रवाई की सिफारिश की और एजेंसी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया.
अब नहीं मिलेगा कोई सरकारी काम
ब्लैकलिस्टेड होने के बाद जीएलआर ट्रेडर्स एंड इंडस्ट्रीज आगामी पांच वर्षों तक बिहार सरकार की किसी भी परियोजना या निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेगी. विभाग का मानना है कि यह कदम अन्य ठेकेदार एजेंसियों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि यदि योजनाओं को तय समय में पूरा नहीं किया गया, तो सख्त कार्रवाई तय है.
इसे भी पढ़ें-Bhagalpur News: बेटे की जगह अब पिता की बारी, गुणेश्वर मंडल ने पार्षद पद जीता