Bihar News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के विरोध और जन-जागरूकता के लिए बिहार में वोटर अधिकार यात्रा रविवार को शुरू की है. इस अभियान के जरिए वे सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.
यात्रा सासाराम से शुरू हुई और 16 दिनों के भीतर 25 जिलों को पार करते हुए पटना में गांधी मैदान में रैली के साथ इसका समापन होगा. इस दौरान राहुल-तेजस्वी का उद्देश्य जनता के बीच अपने जनाधार को मजबूत करना है. पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महागठबंधन के प्रदर्शन वाले क्षेत्रों में यह यात्रा विशेष महत्व रखती है.
यात्रा के दौरान महागठबंधन के सभी घटक दलों के वरिष्ठ नेता और भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य भी शामिल होंगे. यात्रा में तीन ब्रेक के दिन (20, 25 और 31 अगस्त) शामिल हैं, जिन दिनों राहुल बिहार से बाहर रहेंगे. बाकी लगभग 13 दिन वे बिहार में ही रहेंगे.
यात्रा का राजनीतिक महत्व
राहुल गांधी की राजनीति में लगातार इतने दिनों तक बिहार में रहना पहली बार है. इससे स्पष्ट है कि महागठबंधन के लिए बिहार की सियासी स्थिति कितनी अहमियत रखती है. यात्रा का फोकस जनता के मताधिकार और SIR के मुद्दे को उजागर करने के साथ-साथ महागठबंधन की सियासी ताकत को बढ़ाने पर है.
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तेजस्वी यादव ने इस यात्रा के लिए अभियान गीत भी लॉन्च किया, जिसमें बिहार विजय की कामना को लयबद्ध तरीके से प्रस्तुत किया गया. 16 दिनों के दौरान राहुल-तेजस्वी दक्षिण बिहार से शुरू होकर उत्तर बिहार का भ्रमण करेंगे और पटना में रैली के जरिए अपनी यात्रा का समापन करेंगे.
यात्रा के दौरान मुद्दे और संवाद
यात्रा में शामिल जत्थे जनता से मिलकर SIR सहित अन्य जनहित के मुद्दों पर फीडबैक लेंगे. जनता की राय जानने के बाद महागठबंधन के साझा संकल्प-पत्र में इन मुद्दों को स्थान दिया जाएगा. इसके अलावा इस अभियान के दौरान स्थानीय विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को भी जनता के सामने रखा जाएगा.
यात्रा के प्रमुख रूट और जिले
यात्रा में कुल 25 जिलों को कवर किया जाएगा: रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपलागंज, सिवान, सारण, भोजपुर और पटना.
मुख्य रूट:
17 अगस्त: सासाराम, डेहरी ऑन सोन, रोहतास
18 अगस्त: कुटुम्बा, औरंगाबाद, देव, गुरारू
19 अगस्त: पुनामा वजीरगंज, गया, नवादा, बरबीघा
20 अगस्त: ब्रेक
21 अगस्त: तीन मोहानी दुर्गा मंदिर, शेखपुरा से सिकंदरा, जमुई होकर मुंगेर
22 अगस्त: चंदरबाग चौक मुंगेर से सुल्तानगंज होकर भागलपुर
23 अगस्त: बरारी, कुरसेला से कोढ़ा और कटिहार होकर पूर्णिया
24 अगस्त: खुश्कीबाग, पूर्णिया से चांदनी चौक, अररिया होकर नरपतगंज
25 अगस्त: ब्रेक
26 अगस्त: हुसैन चौक, सुपौल से फुलपरास, सकरी, मधुबनी होकर दरभंगा
27 अगस्त: गंगवारा महावीर स्थान, दरभंगा से मुजफ्फरपुर होकर सीतामढ़ी
28 अगस्त: रीग रोड, सीतामढ़ी से मोतिहारी होकर पश्चिमी चंपारण
29 अगस्त: बेतिया, पश्चिमी चंपारण से गोपालगंज होकर सिवान
30 अगस्त: छपरा से आरा
31 अगस्त: ब्रेक
1 सितंबर: पटना में गांधी मैदान रैली और समापन
यात्रा का रणनीतिक महत्व
इस यात्रा के माध्यम से राहुल-तेजस्वी महागठबंधन के लिए बिहार में जनाधार मजबूत करने की कोशिश करेंगे. विशेष तौर पर वे उन इलाकों में जनता से संवाद करेंगे, जहां पिछले चुनावों में गठबंधन के प्रदर्शन बेहतर रहे थे. यात्रा के दौरान जनता के सुझाव और मांगें महागठबंधन की भविष्य की रणनीति और साझा संकल्प-पत्र में शामिल किए जाएंगे.
यात्रा का यह मॉडल राजनीतिक संगठन के लिए जन-संपर्क और जमीन पर पैठ बनाने का प्रभावी तरीका माना जा रहा है. महागठबंधन ने यात्रा की सफलता के लिए पूरे संसाधन और तैयारी को जुटाया है.
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