Bhagalpur News: कभी घर की चारदीवारी तक सीमित रहने वाली ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बन रही हैं. बिहार सरकार की योजनाओं और प्रोत्साहन कार्यक्रमों के चलते महिलाएं अब उद्यमिता की दिशा में सशक्त क़दम रख रही हैं. इसी कड़ी में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में भागलपुर की महिला उद्यमियों ने न सिर्फ अपने अनुभव साझा किए, बल्कि अपने उत्पादों के लिए बेहतर और स्थायी बाजार उपलब्ध कराने की मांग भी रखी.
कार्यक्रम में भाग ले रहीं सबौर प्रखंड की वीभा रानी ने बताया कि तुलसी जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्य बनने के बाद उन्होंने केक और पनीर निर्माण का व्यवसाय शुरू किया. समूह से सस्ते दर पर ऋण और आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने इसे सफल उद्यम का रूप दे दिया है. आज वीभा को इस कारोबार से सालाना 13 लाख रुपये से अधिक की आमदनी हो रही है.
शाहकुंड प्रखंड की कल्याणी देवी ने बताया कि वे ‘चटोरे नमकनी’ नामक खाद्य उत्पाद का निर्माण कर रही हैं, जो बाजार में लोकप्रिय हो रहा है. इसी तरह सन्हौला, नाथनगर, जगदीशपुर जैसे क्षेत्रों में भी महिलाएं अगरबत्ती, सिल्क वस्त्र, मसाले, पेपर प्लेट, एल्यूमिनियम व स्टील के बर्तन आदि निर्माण कर रही हैं.
महिलाओं का कहना है कि सरकार की ओर से उन्हें लगातार वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकी हैं. हालांकि अब उनकी मांग है कि सरकार बाजार से उनके उत्पादों को सीधे जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करे. इससे न केवल उनके व्यवसाय का विस्तार होगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.