Union Cabinet Decision: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने झारखंड के झरिया कोयला क्षेत्र के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. झरिया में वर्षों से जारी आग और भू-धंसान की समस्या से निपटने और हजारों प्रभावित परिवारों के सुरक्षित पुनर्वास के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान (JMP) को मंजूरी दे दी गई है. इस योजना पर कुल 5940.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, ताकि आग और जमीन धंसने जैसी घटनाओं से प्रभावित परिवारों को बेहतर और सुरक्षित जीवन मिल सके.
2009 में बनी थी मूल योजना, अब संशोधन के साथ दोबारा मिली हरी झंडी
झरिया मास्टर प्लान की शुरुआत 2009 में 7112.11 करोड़ रुपये के बजट के साथ की गई थी, जिसकी मियाद 2021 में समाप्त हो गई. अब केंद्र सरकार ने इस योजना को नए स्वरूप में मंजूरी दी है. इस योजना में कोयला खनन क्षेत्र में रह रहे बीसीसीएल कर्मचारियों के पुनर्वास की जिम्मेदारी बीसीसीएल पर है, जबकि गैर-बीसीसीएल परिवारों को झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण (JRDA) द्वारा पुनर्वासित किया जाएगा. इससे प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने का काम तेज़ी से होगा.
आजीविका, स्किल और बुनियादी सुविधाओं पर रहेगा फोकस
संशोधित मास्टर प्लान में केवल पुनर्वास नहीं, बल्कि आजीविका सृजन पर भी विशेष बल दिया गया है. प्रत्येक पुनर्वासित परिवार को ₹1 लाख का आजीविका अनुदान मिलेगा, साथ ही वैध व गैर-वैध भू-स्वामियों को ₹3 लाख तक का संस्थागत ऋण दिया जाएगा. पुनर्वास क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, सीवरेज और कौशल विकास केंद्र जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
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झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष भी बनेगा
पुनर्वासित लोगों की आर्थिक आत्मनिर्भरता को ध्यान में रखते हुए “झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष” की स्थापना की जाएगी. इस फंड के जरिए स्किल डेवलपमेंट संस्थानों के सहयोग से युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे. इससे पुनर्वास सिर्फ ठिकाना नहीं, बल्कि जीवनस्तर में सुधार का माध्यम भी बनेगा.
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