CP Radhakrishnan: देश ने नया उपराष्ट्रपति चुना है. एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया. कुल 452 वोट राधाकृष्णन के पक्ष में पड़े, जबकि रेड्डी के लिए 300 मत आए. बहुमत के लिए आवश्यक 385 मतों को राधाकृष्णन ने 67 वोट से पार किया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राधाकृष्णन को जीत पर बधाई दी.
झारखंड से जुड़ा खास नाता
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही पदों पर झारखंड का नाम जुड़ने के कारण यह जीत और खास हो गई है. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की 9वीं राज्यपाल रह चुकी हैं, जबकि सीपी राधाकृष्णन ने 11वें राज्यपाल के रूप में सेवा दी.
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मुर्मू ने करीब छह साल राज्यपाल के रूप में काम किया, जबकि राधाकृष्णन ने लगभग 1 साल तक झारखंड के राज्यपाल का पद संभाला. इस प्रकार झारखंड ने संवैधानिक पदों में अपनी पहचान बनाई.
राज्यपाल के रूप में कार्यकाल और फैसले
सीपी राधाकृष्णन ने 18 फरवरी 2023 को झारखंड में राज्यपाल पद ग्रहण किया. अपने कार्यकाल में उन्होंने उच्च शिक्षा और शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए कई निर्णय लिए. इसी दौरान उन्होंने चंपाई सोरेन और हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई.
उनका कार्यकाल 30 जुलाई 2024 तक चला, यानी कुल 1 साल 5 महीने और 13 दिन. इस दौरान उनके कई फैसलों को राज्य में अहम माना गया.
क्या यह सिर्फ संयोग है?
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का झारखंड से जुड़ाव कई लोगों के लिए दिलचस्प संयोग माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषक इसे झारखंड के संवैधानिक महत्व की दिशा में एक संकेत भी बता रहे हैं.
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