West Bengal Rail News : हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल में एडिशनल चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट (एसीएमएस) और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. चंदन पाठक के नेतृत्व में चिकित्साें की एक टीम ने एक महत्वपूर्ण और जटिल सर्जरी की, जिससे जम्मू और कश्मीर के रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) के जवान के अंग को बचाया गया.
West Bengal Rail News : हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल में एडिशनल चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट (एसीएमएस) और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. चंदन पाठक के नेतृत्व में चिकित्साें की एक टीम ने एक सफल ऑपरेशन की है. इससे आरपीएसएफ के जवान के अंगों को बचा लिया गया है. आरपीएसएफ सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. आसनसोल से पूर्वी रेलवे के हावड़ा ऑर्थोपेडिक अस्पताल में भेजा गया था. आरपीएसएफ के घुटने पीछे की ओर अव्यवस्था में थी, साथ ही एसीएल, पीसीएल, एलसीएल और एमसीएल सहित कई ligaments(स्नायुबंधन) फटे हुए थे, साथ ही पेटेलर टेंडन एवल्शन भी था. इसके अतिरिक्त, कम्पार्टमेंट सिंड्रोम का खतरा भी था.
आरपीएसएफ की हालत बहुत खराब थी
घायलावस्था में आने पर, आरपीएसएफ की हालत बहुत खराब थी. एनेस्थीसिया के तहत बंद रिडक्शन प्रक्रिया के बाद भी घुटना अस्थिर था, जिसे एसीएमएस और एनेस्थेटिस्ट डॉ. मौसमी मजूमदार ने प्रशासित किया था. आगे की क्षति को रोकने और अंग को बचाने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई महत्वपूर्ण थी.
डॉ. चंदन पाठक ने अपनी कुशल टीम के साथ मिलकर एक सावधानीपूर्वक सर्जिकल किया. उखड़ी हुई पेटेलर टेंडन को टाइटेनियम सिवनी एंकर का उपयोग करके टिबिया से सफलतापूर्वक जोड़ा गया. जिससे किसी भी संभावित पश्चवर्ती पुनः विस्थापन को रोका जा सका. घुटने को और अधिक स्थिर करने के लिए, एक बाहरी फिक्सेटर लगाया गया. जिससे अंग को संभावित इंट्रा-ऑपरेटिव वाहिका चोट से बचाया जा सका.
सर्जरी सफल रही
डॉ. पाठक और उनकी समर्पित टीम के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में की गई. सर्जरी सफल रही. मरीज अब स्थिर और होश में है. प्रभावित अंग में नाड़ी मौजूद है. डॉ. पाठक और डॉ. मजूमदार द्वारा किए गए तत्काल हस्तक्षेप ने न केवल अंग को बचाया, बल्कि चिकित्सा टीम की असाधारण क्षमता और समर्पण को भी प्रदर्शित किया.
मरीज की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और उम्मीद है कि उसे दी गई त्वरित और विशेषज्ञ चिकित्सा देखभाल से वह पूरी तरह ठीक हो जाएगा.