Waqf Bill: सदन की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है. साथ ही सड़क पर भी विधेयक के खिलाफ कई संगठनों का प्रदर्शन जारी है. वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद की ओर से पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. इससे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी इस विधेयक की वैधता को चुनौती देते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने दावा किया कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है.
संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ होने का दावा
शुक्रवार को किशनगंज से कांग्रेस सांसद मो जावेद ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने दावा किया कि यह संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि विधेयक में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर मनमाने प्रतिबंध लगाने के प्रावधान किये गये हैं. जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमजोर होगी. दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि विधेयक में मुस्लिम समुदाय से भेदभाव किया गया है, क्योंकि इसमें ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं, जो अन्य धार्मिक बंदोबस्तों में मौजूद नहीं हैं.
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 4, 2025
(फाइल फोटो) pic.twitter.com/ezH0DgFR2k
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को तत्काल वापस लेने की मांग
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
विधेयक के खिलाफ आंदोलन किया जा रहा है. कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद समेत देश के कई और हिस्सों में सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया गया. शुक्रवार को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने कोलकाता के पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को तत्काल वापस लेने की मांग की.
इसे भी पढ़ें
भागलपुर डीएम ने सबौर में खुद से हसुआ लेकर खेतों में लगे गेहूं फसल को काटा
पहले लोकसभा और अब राज्य सभा में विधेयक पास
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल 2025 पहले ही पास हो गया था, गुरुवार को 13 घंटे की लंबी बहस के बाद राज्यसभा ने भी विधेयक को पारित कर दिया. इसके साथ ही इसे संसद की मंजूरी मिल गई है. विधेयक को अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है. बता दें, गुरुवार को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में जबकि 95 ने विरोध में मतदान किया, जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया. लोकसभा ने तीन अप्रैल को विधेयक को मंजूरी दे दी थी.