Uttarkashi Masjid Controversy: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पुरानी मस्जिद को हटाने के लिए हिंदूवादी संगठनों ने जनआक्रोश रैली निकाली. इस बीच रैली में शामिल लोगों ने जमकर बवाल काटा. दूसरे समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़ की. शहर में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया.
Uttarkashi Masjid Controversy: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पुरानी मस्जिद को हटाने के लिए हिंदूवादी संगठनों ने जनआक्रोश रैली निकाली. इस बीच रैली में शामिल लोगों ने जमकर बवाल काटा. दूसरे समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़ की. शहर में तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया. हिन्दू संगठनों के प्रदर्शन में गुरुवार को पथराव और लाठीचार्ज में कई लोगों को चोटें लगी है. इसमें आठ पुलिसकर्मी और 27 प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं. इनमें 2 की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्हें इलाज के लिए हायर सेंटर देहरादून भेजा गया है.
हिंसा फैला रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस के एक्शन में भीड़ में कुछ लोग घायल हुए हैं. कई घंटों की मशक्कत के बाद बामुश्किल भीड़ पर काबू पाया गया. दरअसल, रैली के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई.
आज हिंदू संगठन द्वारा उत्तरकाशी में निकाली गई जनआक्रोश रैली के दौरान भीड़ के द्वारा बैरिकेटिंग्स को तोड़ते हुए पथराव किया गया, पथराव में पुलिस के 07 पुलिस अधिकारी/कर्मी घायल हुए हैं, जिनमें गंभीर रूप से घायल 02 पुलिस जवानों को एम्बुलेंस से हायर सेंटर देहरादून रैफर किया गया है। pic.twitter.com/C6juggvpGH
— Uttarkashi Police Uttarakhand (@UttarkashiPol) October 24, 2024
इस बारे में जानकारी देते हुए SP उत्तरकाशी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि गुरुवार को संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की रैली को प्रशासन द्वारा इजाजत दी गई थी. उनका रूट और समय भी तय था. लेकिन, वो तय रूट से ना जाकर दूसरे रूट से जाने की जिद कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो कुछ प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और भीड़ को तितर-बितर किया.
उन्होंने बताया कि इस झड़प के दौरान 8 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं इनमें से दो को गंभीर चोटे हैं. दरअसल गुरुवार को हिन्दू संगठनों द्वारा मस्जिद के विरोध में बड़ी रैली बुलाई गई थी. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग हनुमान चौक पर इकट्ठा हुए. प्रदर्शनकारी मस्जिद की ओर मार्च करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने भटवाड़ी रोड पर विश्वनाथ तिराहे पर पहले से ही बैरिकेडिंग कर रखी थी, ताकि रैली मस्जिद तक न पहुंच सके.
इलाके में तनाव
दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया और धक्का-मुक्की शुरू हो गई, तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया. इससे नाराज प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया गया. इस झड़प में पुलिस और प्रदर्शनकारी दोनों ओर से कई लोग घायल हो गए.
लाठीचार्ज के बाद प्रदर्शनकारियों की भीड़ बिखर गई और कुछ लोग कलक्ट्रेट पहुंचे, जहां उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बाद में, प्रदर्शनकारी छोटे-छोटे समूहों में बाजार में फैल गए और दूसरे समुदाय के व्यापारियों की दुकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया.
पांच से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध
पुलिस और प्रशासन की ओर से स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई. डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में देर शाम से अग्रिम आदेश तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी. जिले में पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा, सभा, जुलूस, प्रदर्शन, और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग भी निषिद्ध कर दिया गया है.
घटना के बाद पुलिस ने रैली में भाग लेने वालों से शांति बनाए रखने और कानूनी व्यवस्था का पालन करने की अपील की है. इसके बावजूद, शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है और बाजारों में सामान्य गतिविधियाँ प्रभावित हो गई हैं.