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Ustad Zakir Hussain: दुनिया के मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत नाजुक, परिजन बोले- सलामती की दुआ करें

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By HelloCities24
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Zakir Hussain Death: मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. 

Zakir Hussain Health Update: दुनिया के महान तबला वादकों में से एक उस्ताद जाकिर हुसैन है और उनकी स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है. उस्ताद जाकिर हुसैन को दिल से जुड़ी समस्याओं के बाद अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में भर्ती कराया गया है. हालांकि उनके निधन की खबर भी सामने आयी थी, जो अफवाह निकली. इसका खंडन उनके भांजे आमिर औलिया ने किया है. भतीजे ने सोशल मीडिया में बताया, उनका निधन नहीं हुआ है. उनकी सलामती की दुआ करें..उनका इलाज सैन फ्रांसिस्को में चल रहा है. इससे पहले खबर आई थी कि उनका निधन हो गया है. लेकिन उनके भतीजे अमीर औलिया ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि हुसैन का निधन नहीं हुआ है.

भतीजा ने सलामती की मांगी दुआ

जाकिर हुसैन के भतीजा अमीर औलिया ने एक्स पर पोस्ट डाला, मैं जाकिर हुसैन का भतीजा हूं और उनका निधन नहीं हुआ है. हम अपने चाचा के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं. क्या आप कृपया इस गलत सूचना को हटा सकते हैं. उनकी हालत गंभीर है और हम दुनिया भर में उनके सभी प्रशंसकों से उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध करते हैं. इसके बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भी निधन संबंधी अपने पोस्ट को हटा लिया है.

जाकिर हुसैन ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हैं

उस्ताद जाकिर हुसैन के एक करीबी सूत्र के अनुसार, 73 वर्षीय अमेरिकी संगीतकार को रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की समस्या हैं. 'उन्हें पिछले एक सप्ताह से हृदय संबंधी समस्या के कारण सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि, उस्ताद जाकिर हुसैन के पिता अल्लाह रक्खा भी मशहूर तबला वादक थे. उनके मित्र और बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने यह जानकारी साझा की है. राकेश चौरसिया ने बताया कि, 'वह अस्वस्थ हैं और अभी आईसीयू में भर्ती हैं. हम सभी उनकी स्थिति को लेकर चिंतित हैं.

12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में रखा कदम

जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 में मुंबई में हुआ था. उन्होंने महज 12 साल की उम्र में संगीत की दुनिया में कदम रख लिया था. छोटी उम्र से ही उन्होंने तबले की आवाज से जादू बिखेरना शुरू कर दिया था. उन्होंने 1973 में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था. 1979 से लेकर 2007 तक जाकिर हुसैन कई अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाया.

व्हाइट हाउस में भी दी थी परफॉर्मेंस

तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन पहले भारतीय संगीतकार हैं, जिन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था. वहीं, उनके करियर के शुरुआत की बात करें तो उन्होंने मात्र तीन साल की उम्र में ही संगीत सीखना शुरू किया था. जबकि सात साल उम्र में उन्होंने अपना पहला परफॉर्मेंस दिया था.

सम्मान और पुरस्कार

जाकिर हुसैन को केवल 37 साल की उम्र में 1988 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था. उसके बाद 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था. 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था. जाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

अल्लाह रक्खा के बेटे हैं जाकिर हुसैन

उस्ताद जाकिर हुसैन मशहूर तबला वादक अल्ला रक्खा के सबसे बड़े बेटे हैं. उन्होंने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में नाम कमाया. उन्होंने कथक डांसर और शिक्षिका एंटोनिया मिननेकोला से शादी की है. उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी. अनीसा ने यूसीएलए से स्नातक किया है और वह एक फिल्म निर्माता हैं. जाकिर हुसैन के दो भाई हैं और दोनों तबला वादक हैं.

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