UPI Payment
UPI Payment: जो लोग UPI के माध्यम से डिजिटल पेमेंट करते हैं, उनके लिए एक शानदार खबर आने वाली है. UPI से भुगतान करने पर ग्राहकों को सीधे डिस्काउंट मिल सकता है. उपभोक्ता मंत्रालय एक ऐसी योजना पर काम कर रहा है, जिससे UPI से भुगतान करना क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के मुकाबले काफी सस्ता और फायदेमंद साबित होगा. सरकार का मुख्य लक्ष्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना है, और इस योजना के तहत ग्राहकों को सीधा लाभ मिलेगा.
सरकार एक बड़ी योजना बना रही है जिसके तहत UPI से पेमेंट करने पर ग्राहकों को सीधे छूट मिल सकती है. इस कदम का उद्देश्य क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क की तुलना में UPI को अधिक आकर्षक बनाना है.
इस योजना को लागू करने से पहले, सरकार जून 2025 में ई-कॉमर्स कंपनियों, बैंकों, NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया), पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स और उपभोक्ता संगठनों के साथ विस्तार से चर्चा करेगी. इस चर्चा के बाद ही योजना की अंतिम रूपरेखा तय की जाएगी. हालांकि, पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने UPI और RuPay डेबिट कार्ड पर MDR लगाने की मांग की है, लेकिन फिलहाल सरकार इस पर सहमत नहीं दिख रही है.
NPCI के नए नियमों के अनुसार, 16 जून 2025 से UPI पेमेंट की प्रक्रिया और भी तेज हो जाएगी. अब UPI ट्रांजैक्शन केवल 15 सेकंड में पूरे होंगे, जबकि पहले इसमें लगभग 30 सेकंड लगते थे. इससे डिजिटल भुगतान का अनुभव और भी बेहतर और त्वरित होगा.
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर दुकानदारों को 2-3% तक MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) देना पड़ता है, जिसके कारण उन्हें पूरी रकम नहीं मिल पाती. जबकि UPI पेमेंट पर कोई शुल्क नहीं लगता है. कई बार दुकानदार इस लागत को ग्राहकों से वसूलते हैं. सरकार इस असमानता को दूर करना चाहती है और चाहती है कि यदि कोई ग्राहक UPI से भुगतान करे, तो उसे वस्तु की कीमत पर सीधी छूट मिले.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में UPI के माध्यम से 185.85 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 42% की भारी वृद्धि दर्शाता है. इन ट्रांजैक्शन का कुल मूल्य 260.56 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 30% की वृद्धि है. यह आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि देश में डिजिटल भुगतान प्रणाली तेजी से आगे बढ़ रही है.
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