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Actor: बेटे की फोटो हाथ में लिए प्रोड्यूसर के ऑफिस के बाहर बैठते थे ये दिग्गज एक्टर, जानिए फिर कैसे दिलवाया रोल

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बॉलीवुड में अक्सर ये कहा जाता है कि स्टारकिड्स को आसानी से फिल्मों में काम मिल जाता है. लेकिन यहां हम जिसकी बात कर रहे हैं. उनको पहली फिल्म दिलाने के लिए उनके पिता ने काफी संघर्ष किया था.

बात कर हैं हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर सुरेश ओबरॉय की. जिन्होंने अपने अभी तक के करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी. लेकिन जब बारी उनके बेटे की आई तो सुरेश ओबरॉय को उन्हें लॉन्च करवाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ी.

अब ये तो आप जानते ही होंगे कि सुरेश ओबेरॉय के बेटे विवेक ओबरॉय हैं. जिन्होंने साल 2002 में फिल्म 'कंपनी' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि विवेक को ये रोल मिलने का पूरा श्रेय उनके पिता को जाता है.

दरअसल सुरेश ओबेरॉय ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने 'सेकेंड स्ट्रगल' को लेकर एक इंटरव्यू में बात की है. उन्होंने बताया कि बेटे विवेक को इंडस्ट्री में बतौर लॉन्च करने के लिए उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.

इसका खुलासा खुद सुरेश ओबेरॉय ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए किया था. एक्टर ने बताया था कि, ‘उन्होंने बचपन से ही विवेक को एक्टिंग के लिए तैयार कर दिया था. इसके लिए उससे ज्यादा मैंने स्ट्रगल किया है.’

सुरेश ने आगे बताया कि, ‘मैं बहुत बार उसकी तस्वीर लेकर प्रोड्यूसर के ऑफिस के बाहर बैठा रहता था. फिर एक दिन मेरी मेहनत रंग लाई और राम गोपाल वर्मा ने विवेक को पहली फिल्म दी.'

वहीं कर्ली टेल्स के साथ अपने डेब्यू पर बात करते हुए विवेक ने ये कहा था कि जब वो स्ट्रगल कर रहे थे तो उन्होंने किसी को भी अपना असली नाम नहीं बताया था ताकि उनके पिता को शर्मिंदा ना होना पड़े.

पहली ही फिल्म से विवेक की किस्मत चमक उठी थी. इसके बाद उनकी झोली में ढेर सारी फिल्में आई. लेकिन जब एक्टर का सलमान खान संग विवाद हुआ, तो उनका करियर डूबने लगा. दरअसल दोनों के बीच ऐश्वर्या राय को लेकर भयंकर लड़ाई हुई थी.

वर्कफ्रंट की बात करें तो सुरेश ओबेरॉय को आखिरी बार फिल्म ‘एनिमल’ में देखा गया था. जिसमें वो रणबीर कपूर के दादा के रोल में नजर आए थे.

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