Bihar News: बिहार में सैनिकों, उनकी विधवाओं और आश्रितों की देखरेख के लिए अब तक सिर्फ 13 जिलों में सैनिक कल्याण कार्यालय थे. लेकिन अब राज्य सरकार ने 12 और जिलों—नालंदा, बेगूसराय, सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर, कैमूर, औरंगाबाद, जहानाबाद, कटिहार, सहरसा, पश्चिमी चंपारण और गोपालगंज—में नए कार्यालय खोलने का निर्णय लिया है. पहले से चल रहे कई कार्यालयों में भी अधिकारियों की नियुक्ति नहीं थी, लेकिन अब रिक्त पदों पर भूतपूर्व सैन्य अधिकारियों की तैनाती शुरू हो चुकी है. इस कदम से न सिर्फ प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा बल्कि पूर्व सैनिकों को सरकारी सेवा में पुनर्नियुक्ति का अवसर भी मिलेगा.
नियुक्तियों और विस्तार की पूरी योजना
11 पुराने जिलों में भी मिली नई ऊर्जा
निदेशालय के मुताबिक पहले से सक्रिय 11 जिलों में वर्षों से अधिकारी नहीं थे. अब रोस्टर और आरक्षण नीति के तहत इन रिक्त पदों पर भूतपूर्व सैन्य अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है.
9 जिलों में तैनात हुए जिला सैनिक कल्याण पदाधिकारी
राज्य सरकार ने अब तक 9 जिलों में सैनिक कल्याण पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी है. बाकी बचे जिलों में भी चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.
निम्नवर्गीय लिपिक के 31 पदों पर पूर्व सैनिकों की नियुक्ति
राज्य के 25 जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में निम्नवर्गीय लिपिक के 31 पदों पर भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति हो रही है.
कल्याण व्यवस्थापक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, रात्रि पहरी तक के पद
इन कार्यालयों में कल्याण व्यवस्थापक के 25, कार्यालय परिचारी और रात्रि पहरी जैसे पदों के अलावा डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद भी पूर्व सैनिकों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं. इन सभी के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा परीक्षा भी पूरी कर ली गई है.
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