लखीसराय: बिहार के लखीसराय जिले में एक अप्रत्याशित घटना सामने आई है, जहां जमीन की खुदाई के दौरान भगवान बुद्ध और भगवान विष्णु की दो प्राचीन और बेशकीमती मूर्तियां मिली हैं. यह खोज लाल पहाड़ी के आसपास के इलाके में हुई है, जिसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. माना जा रहा है कि ये दुर्लभ मूर्तियां पाल साम्राज्य के शासनकाल के दौरान की हैं, जो इस क्षेत्र के समृद्ध अतीत पर प्रकाश डालती हैं.
जमीन के मालिक विनायक कुमार के अनुसार, वह अपनी निजी जमीन पर मिट्टी की खुदाई करवा रहे थे. इसी दौरान मजदूरों को ये दो अद्भुत मूर्तियां मिलीं. इस खोज की खबर फैलते ही आसपास के लोगों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई. विनायक कुमार ने तुरंत स्थानीय पुलिस को इस महत्वपूर्ण खोज की सूचना दी.
हालांकि, प्राप्त दोनों प्रतिमाएं भगवान बुद्ध या बोधिसत्व से अधिक मिलती-जुलती प्रतीत होती हैं, क्योंकि उनमें भगवान विष्णु की मूर्तियों जैसे कोई विशिष्ट चिह्न दिखाई नहीं देते हैं. खुदाई में मिली ये दुर्लभ बुद्ध मूर्तियां इस बात का सशक्त प्रमाण हैं कि प्राचीन काल में यह क्षेत्र बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण और समृद्ध केंद्र रहा होगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि इन मूर्तियों की शैली पाल कालीन मूर्तिकला से काफी मिलती है. पाल काल की मूर्तियों में तंत्रयान का प्रभाव दिखता है, जिससे बुद्ध मूर्तियों में एक विशेष प्रकार का अलंकरण और चमत्कारिक भाव होता था, भले ही उनमें नैसर्गिक सुंदरता कुछ कम हो. इन मूर्तियों के आधार पर की गई बारीक नक्काशी और मूर्तिकला में जटिल संरचना, अत्यधिक अलंकरण और बेल-बूटों की सजावट स्पष्ट रूप से इन मूर्तियों के पाल काल से संबंधित होने की ओर इशारा करती हैं.
इस खोज ने लखीसराय के ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ा दिया है. स्थानीय लोगों और इतिहासकारों को उम्मीद है कि यदि इस क्षेत्र में और भी खुदाई की जाए, तो संभवतः प्राचीन इतिहास से जुड़े और भी कई अनमोल अवशेष मिल सकते हैं. फिलहाल, पुलिस ने मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया है और आगे की जांच तथा ऐतिहासिक मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह खोज निश्चित रूप से बिहार के गौरवशाली इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ती है.