Bhagalpur News: गंगा का जलस्तर बढ़ने के साथ ही सबौर प्रखंड के मसाढ़ू गांव के लोगों की चिंता बढ़ गई है. पिछले साल से ही यह गांव गंगा में समाने के खतरे से जूझ रहा है, जहां अब तक करीब 100 घर नदी में विलीन हो चुके हैं. गांव को कटाव से बचाने के लिए मंजूर 26.22 करोड़ रुपये का काम शुरू भी नहीं हुआ कि ठेका एजेंसी को 15 दिन का अतिरिक्त समय दे दिया गया है.
15 जून तक काम पूरा करने की थी डेडलाइन
इस महत्वपूर्ण परियोजना को 15 जून तक पूरा करने का निर्देश था, क्योंकि इसके बाद गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है. हालांकि, यह परियोजना टेंडर के पेच में फंसी रही. अब जब काम पूरा करने की डेडलाइन नजदीक आ गई है, तब जाकर बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने आरा की कार्य एजेंसी को बहाल किया है. चिंता की बात यह है कि एजेंसी बहाल होने के बावजूद अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है. ऐसे में मसाढ़ू गांव पर कटाव का खतरा और भी गहरा गया है.
30 जून तक काम पूरा करने का नया लक्ष्य
बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर ने बहाल ठेका एजेंसी को काम शुरू करने से पहले ही 30 जून तक का टाइम एक्सटेंशन दे दिया है. जबकि, मुख्यालय से विभाग को यह काम 15 जून तक पूरा करने की हिदायत मिली थी, और इसी आधार पर दो महीने से टेंडर की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी.
कटाव पीड़ितों का दर्द बरकरार
कटाव से प्रभावित कई परिवार अभी भी रेलवे ढाल पर या किराए के मकानों में रहने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें जिला या प्रखंड स्तर से कोई लाभ नहीं मिला है. राधा देवी और कविता देवी जैसी विधवा महिलाओं ने बताया कि उनके पति नहीं हैं और छोटे बच्चों के साथ उनके पास रहने का घर और कमाने का कोई सहारा नहीं है.
प्रभावित परिवारों में विष्णु देव मंडल, घूरन मंडल, कमली देवी, वासुदेव मंडल, शांति देवी, रूबी देवी, अरुण मंडल, चंद्र किशोर मंडल, संजय मंडल, पूरन मंडल, राजकिशोर शाह, ज्योतिष कुमार, दिलीप मंडल, भूदेव मंडल, उषा देवी सहित कई अन्य शामिल हैं. इन सभी ने जिला प्रशासन, पंचायत के जनप्रतिनिधियों, सांसद और विधायक से जमीन व घर उपलब्ध कराने की अपील की है, ताकि वे मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर सकें.
मसाढ़ू गांव के वार्ड संख्या एक के ग्रामीणों के लिए विकट स्थिति पैदा हो गई है. इस त्रासदी में अब तक करीब 100 गरीब मजदूर परिवारों के घर गंगा में विलीन हो चुके हैं. विस्थापित परिवारों की उम्मीदें अब आंसू बनकर बह रही हैं, क्योंकि जिला प्रशासन के आश्वासनों के बावजूद उन्हें न तो अब तक घर मिला है और न ही जमीन. ये परिवार भगवान भरोसे जीवन गुजार रहे हैं.
चांय चक में भी काम अधूरा
मसाढ़ू के ठीक सटे गांव चांय चक में बचाव कार्य जारी है, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. कटाव निरोधक कार्य मुजफ्फरपुर की एजेंसी करा रही है, जिस पर करीब 9.5 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस चयनित एजेंसी को मई के आखिरी सप्ताह में कार्य पूर्ण करना अनिवार्य बताया गया था. यह गांव भी गंगा कटाव के मुहाने पर है.
आदित्य प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण कार्य प्रमंडल, भागलपुर के अनुसार, “मसाढ़ू गांव में कटाव निरोधक कार्य के लिए एजेंसी बहाल कर ली गई है. अगले दो-तीन दिनों में काम शुरू हो जाएगा. 15 जून की निर्धारित डेडलाइन को बढ़ाकर अब 30 जून तक किया गया है. इस तिथि तक कार्य पूर्ण हो जाएगा. चांयचक में चल रहा कार्य अगले दो-चार दिनों में पूरा करा लिया जाएगा.”
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