Telangana Government : मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बड़ा ऐलान किया है. सरकारी स्कूलों को फ्री बिजली उपलब्ध कराएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बुनियादी सुविधाओं में सुधार के उपाय करेगी और इसके तहत लगभग 30,000 सरकारी स्कूलों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएगी. शिक्षकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों में सुधार और गरीबों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के कारण तीन बार चुनाव जीते हैं.
Telangana Government : तेलंगाना सरकार राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों को फ्री बिजली देगी. मुफ्त बिजली मिलने के बाद स्कूलों में गर्मी के दिनों में वर्ग कक्ष समेत कार्यालय में लोगों को गर्मी से निजात मिल सकेगा. मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के यह ऐलान से स्कूलों में खुशी का माहौल है. उन्होंने सम्मेलन में कहा कि राज्य सरकार बुनियादी सुविधाओं में सुधार के उपायों के तहत लगभग 30,000 सरकारी स्कूलों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराएगी. पदोन्नति के बाद शिक्षकों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी स्कूलों में सुधार और गरीबों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के कारण तीन बार चुनाव जीते हैं. स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए, जिसमें कंप्यूटर का उपयोग भी शामिल है, बिजली की आपूर्ति अनिवार्य है. तेलंगाना का पुनर्निर्माण शिक्षकों के हाथ में है और यदि समाज के गरीब तबके के लोगों और अन्य लोगों को शिक्षित किया जाए तो राज्य मजबूत होगा.
रेवंत रेड्डी ने कहा कि गरीबों को जब 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती है, तो स्कूलों में मुफ्त बिजली क्यों नहीं दी जा सकती. जहां तेलंगाना का भविष्य गढ़ा जा रहा है. मैंने अपने सरकारी अधिकारियों को तेलंगाना के 30,000 स्कूलों को मुफ्त बिजली देने का निर्देश दिया है. यह बोझ राज्य सरकार उठाएगी. उन्होंने एक और निर्णय लिया है. स्वयं सहायता समूहों को धनराशि उपलब्ध कराकर स्वच्छता की जिम्मेदारी उन्हें सौंपने का निर्णय लिया है.
मुख्श्मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हरवक्त शिक्षकों के साथ है. राज्य बजट में शिक्षा के लिए 21,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं, जो कि 7.3 प्रतिशत है. सरकार 30,000 करोड़ रुपये आवंटित करना चाहती थी, लेकिन चुनावी वादों को पूरा करने तथा अन्य कार्यों के लिए आवश्यक धन के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी. सरकार ने शिक्षकों की पदोन्नति के लंबे समय से लंबित मुद्दे को सुलझा लिया है और वह उनके साथ खड़ी रहेगी. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सरकारी स्कूलों में प्रवेश में दो लाख छात्रों की कमी आई है. ऐसा कुछ स्कूलों के बंद होने व अभिभावकों द्वारा अंग्रेजी सीखने या 'प्रतिष्ठा' के लिए निजी स्कूलों को प्राथमिकता देने जैसे कारणों से हो सकता है. इस स्थिति को बदलने की जरूरत है और गांवों में अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाना आत्मसम्मान का मामला समझना चाहिए.
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