Supreme Court: पश्चिम बंगाल के 25 हजार 753 शिक्षकों व स्कूल स्टाफों को बड़ा झटका लगा है. शीर्ष आदलत ने नियुक्ति को अवैध ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों, अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति में गड़बड़ी है. भर्ती विवाद पर कोर्ट ने नियुक्ति को अवैध ठहराने संबंधी कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों को अपना वेतन, अन्य भत्ते लौटाने की जरूरत नहीं है. इधर, इस फैसले को ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
भर्ती विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल के स्कूलों में नयी चयन प्रक्रिया तीन महीने के भीतर पूरी की जाए. दिव्यांग उम्मीदवार मानवीय आधार पर सेवा में बने रहेंगे. कोर्ट ने कहा कि नयी चयन प्रक्रिया में बेदाग उम्मीदवारों को छूट भी दी जा सकती है. सीबीआई जांच के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर चार अप्रैल को सुनवाई होगी.
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प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्न और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले को बरकरार रखा. फैसला सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की गई है, उन्हें अपना वेतन और अन्य भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं है.
2016 में की गई थी नियुक्ति
सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में पश्चिम बंगाल एसएससी द्वारा की गई 25 हजार शिक्षकों की नियुक्तियों के पूरे पैनल को रद्द करने का फैसला गुरुवार को बरकरार रखा. इसमें 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल चयन आयोग (एसएससी) द्वारा की गई करीब 25000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अमान्य करार दिया गया. कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस निष्कर्ष को मंजूरी दी कि चयन प्रक्रिया में धोखाधड़ी की गई.