13 साल बाद गिरफ्त में आया कुख्यात गिरधारी सिंह, मर्डर केस में STF की बड़ी कामयाबी
Bihar Crime News: बिहार में एक बार फिर कानून के शिकंजे में आया है मोकामा का कुख्यात अपराधी गिरधारी सिंह. वर्ष 2011 में राजधानी पटना के सीपीडब्ल्यूडी कार्यालय परिसर में हुए ठेकेदार वसंत सिंह हत्याकांड में वांछित गिरधारी को STF ने बुधवार को मोकामा पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया. इस हाई प्रोफाइल केस में गिरधारी की गिरफ्तारी को अपराध जगत की ताकतवर गठजोड़ पर बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक गिरधारी सिंह लंबे समय से जमानत पर बाहर था और गुपचुप तरीके से अपने नेटवर्क को चला रहा था. उसकी गिरफ्तारी से 13 साल पुराने उस मामले में नई जान आई है, जिसने राजधानी में ठेकेदारी वर्चस्व की लड़ाई को खूनी मोड़ दे दिया था.
मोकामा के सकरवार टोला, वार्ड नं. 17 का रहने वाला गिरधारी सिंह 1990 के दशक से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा है. उस पर हत्या, अपहरण, रंगदारी जैसे करीब दो दर्जन संगीन मामले दर्ज हैं. पहले इस मर्डर केस में शंभू-मंटू गैंग के शामिल होने की बात सामने आई थी, मगर बाद की जांच में गिरधारी का नाम भी जोड़ा गया और कोर्ट ने उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
वर्ष 2011 में मोकामा निवासी वसंत सिंह की हत्या के पीछे ठेकेदारी में बढ़ती पकड़ को बताया गया. परिजनों का आरोप था कि वसंत को ठिकाने लगाने की साजिश स्थानीय दबंगों ने रची थी. गिरधारी सिंह का नाम इसी वजह से जांच के घेरे में आया. खास बात यह है कि गिरधारी का न केवल अपराध जगत में बल्कि स्थानीय राजनीति में भी मजबूत पकड़ है. मोकामा नगर परिषद वार्ड 17 से उनके परिवार के लोग पांच बार पार्षद रह चुके हैं, जिनमें चार बार उनकी भाभी ने जीत दर्ज की है.
STF गिरधारी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. पुलिस को उम्मीद है कि गिरफ़्तारी के बाद वसंत सिंह हत्याकांड से जुड़ी कई कड़ियाँ सामने आ सकती हैं, जिससे अन्य चेहरों का भी खुलासा होगा. यह कार्रवाई उन आपराधिक नेटवर्क के लिए बड़ा संदेश है जो ठेकेदारी और राजनीति के गठजोड़ से खुद को सुरक्षित मानते रहे हैं.