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Shardiya Navratri 2024: सप्तमी पर कालरात्रि स्वरूप, तो महाष्टमी पर महागौरी की हुई पूजा, खोइछा भर महिलाओं ने की सुहाग रक्षा व परिवार कल्याण की कामना

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By HelloCities24
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Bhagalpur News: महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप है कालरात्रि. मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली है. इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है. भागलपुर जिले में सभी पूजा स्थानों पर गुरुवार को माता के मंदिर व पंडाल के पट खुल गए. मां की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी. कहीं सप्तमी व महाष्टमी पूजा हुई.

 Bhagalpur News: नवरात्र के सातवें दिन मां भक्तों द्वारा माता कालरात्रि की पूजा अर्चना कर सुख शांति की कामना की गई. मां कालरात्रि हमेशा शुभ फल देती हैं. इसलिए इन्हें देवी शुभंकरी भी कहा जाता है. भागलपुर जिले के सभी पूजा स्थानों पर गुरुवार को माता के मंदिर व पंडाल के पट खुल गए. मां की प्राण-प्रतिष्ठा की गयी. कहीं सप्तमी व महाष्टमी पूजा हुई. सप्तमी पर कालरात्रि स्वरूप तो महाष्टमी पर महागौरी की पूजा हुई. विभिन्न पूजा स्थानों पर सुबह से ही महिलाओं ने माता दुर्गा का खोइचा भर सुहाग की रक्षा व परिवार कल्याण की कामना की. मध्य रात्रि में विधि-विधान से संधि पूजन कराया गया.

मारवाड़ी पाठशाला परिसर में ढाई बजे माता को भोग लगाने के बाद श्रद्धालुओं में 1000 से अधिक हांडी भोग का वितरण हुआ. कालीबाड़ी में 800 से अधिक हांडी में खिचड़ी का भोग व दुर्गा बाड़ी में 1000 से अधिक हांडी भोग का वितरण हुआ. आदमपुर पूजा स्थान में भी खिचड़ी भोग का वितरण किया गया. अन्य पूजा स्थानों पर खिचड़ी व अन्य व्यंजन का प्रसाद बांटा गया. महाअष्टमी पर भी विभिन्न स्थानों पर भोग का वितरण होगा.

रात्रि में निशा पूजा हुई

भागलपुर शहर में कचहरी चौक, मुंदीचक गढ़ैया, भैरवा तालाब परिसर, मंदरोजा, आदमपुर चौक, कंपनीबाग, भीखनपुर, मिरजानहाट, अलीगंज, मोहद्दीनगर, हड़ियापट्टी, लहरी टोला, मंदरोजा, गौशाला, जोगसर,उर्दू बाजार, कंपनीबाग, जोगसर, लाजपत पार्क दुर्गा स्थान, हाउसिंग बोर्ड, बरारी, खंजरपुर, सबौर, नाथनगर आदि स्थानों पर सप्तमी व महाअष्टमी की धूमधाम से पूजा हुई. रात्रि में निशा पूजा हुई. कचहरी चौक पर अष्टमी पूजन हुआ व रात्रि में संधि पूजन हुआ. मुंदीचक में नवमी को ढाई बजे हवन कराया जायेगा व शाम चार बजे कन्याओं का पूजन होगा.

मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान : चढाई गई कोहड़ा की बलि

मोहद्दीनगर दुर्गा स्थान व मिरजानहाट दुर्गा मंदिर में भी सप्तमी पूजा हुई. शुक्रवार को महाअष्टमी व नवमी पूजा होगी. हालांकि यहां गुरुवार को ही निशा पूजा हुई. मोहद्दीनगर में कोहड़ा की बलि चढ़ायी गयी. यहां जीव हत्या को निषेध किया गया है.

मारवाड़ी पाठशाला परिसर में गुरुवार को प्रात: सप्तमी पूजा हुई. ढाई बजे भोग लगाया गया. दुर्गाबाड़ी व कालीबाड़ी में सप्तमी को केला के थंब को केला बहू के रूप में गंगा स्नान कराया गया. इसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा के बगल में केला बहू स्थापित की गयी. मां दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा हुई. इसी दौरान माता का मुख्य घट स्थापित किया गया. कालीबाड़ी में अष्टमी पर प्रात: पूजा-अर्चना होगी. रात्रि में 12 बजे संधि पूजा होगी, जिसमें 108 कमल फूल का माला माता को पहनाया जायेगा और 108 दीप प्रज्वलित कर पूजन किया जायेगा. मारवाड़ी पाठशाला परिसर में दुर्गा बाड़ी, काली बाड़ी, रिफ्यूजी कॉलोनी, महाशय ड्योढ़ी में सप्तमी पूजा हुई. यहां बांग्ला विधि से पूजा हुई. दुर्गाबाड़ी व कालीबाड़ी में पूजन के दौरान कोलकाता व विभिन्न स्थानों के कलाकारों ने ढाक बजा कर माहौल को भक्तिमय कर दिया.

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