Sharda Sinha Death: बिहार की लोकप्रिय लोक गायिका और ‘बिहार कोकिला’ के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा का 5 नवंबर की रात 9 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया.
Sharda Sinha Death: बिहार की लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा का 5 नवंबर की रात 9 बजकर 20 मिनट पर निधन हो गया. बुधवार सुबह फ्लाइट से शव पटना लाया गया है. पटना में दोपहर 12 बजे के बाद अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा जाएगा. बिहार की संस्कृति और आस्था के प्रतीक थीं शारदा सिन्हा. शारदा सिन्हा का निधन निश्चित रूप से एक बड़ा नुकसान है, लेकिन उनकी संगीत की विरासत सदैव हमारे बीच अमर रहेगी.
छठ महापर्व के नहाय खाय की संध्या पर आई इस खबर ने पूरे बिहार को गमगीन कर दिया. कल यानी गुरुवार को पटना में राजकीय सम्मान के साथ पद्मभूषण शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार होगा.
शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा के अनुसार उनकी मां शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना के गुलाबी घाट पर किया जाएगा. उसी स्थान पर जहां कुछ महीने पहले उनके पिता का अंतिम संस्कार किया गया था. पटना में राजकीय सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी जाएगी.
उनके पार्थिव शरीर को कुछ समय के लिए उनके आवास पर रखा जाएगा ताकि उनके चाहने वाले उन्हें आखिरी बार नमन कर सकें.
लोक गायिका शारदा सिन्हा सिर्फ एक गायिका तक सीमित नहीं थीं, बल्कि बिहार की संस्कृति और आस्था के प्रतीक थीं. उनके गीतों ने न सिर्फ लोगों को भावुक किया बल्कि उन्हें एकजुट भी किया है. उनके निधन के साथ, बिहार ने अपनी एक अनमोल धरोहर खो दी है.
बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. शारदा सिन्हा को राजकीय सम्मान देने का फैसला किया है. यह सम्मान उनके योगदान का प्रतीक है और साथ ही बिहार के लोगों की ओर से उन्हें दी गई श्रद्धांजलि भी है.