Bhagalpur News: साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) ने बिजली आपूर्ति में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है. कंपनी के डायरेक्टर (ऑपरेशन) विजय कुमार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि बिजली कटने के बाद समय पर आपूर्ति बहाल नहीं हुई, या उपभोक्ताओं की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो ऐसे इंजीनियरों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होगी.
डायरेक्टर विजय कुमार ने रविवार को मायागंज डीवीसी कॉलोनी स्थित डीसीआर भवन में एक समीक्षा बैठक की, जिसमें बिजली से जुड़े सभी मामलों की गहन समीक्षा की गई. उन्होंने एक-एक कर सभी इंजीनियरों से उनके संबंधित क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था का विस्तृत जायजा लिया. बैठक के दौरान, उन्होंने प्रत्येक फीडर की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली और सभी को अपने कार्य प्रदर्शन में सुधार लाने के कड़े निर्देश दिए.
लाइन ट्रिपिंग पर तत्काल कार्रवाई, विलंब बर्दाश्त नहीं
श्री कुमार ने विशेष रूप से लाइन ट्रिपिंग की समस्या को तत्काल दूर करने का निर्देश दिया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की समस्याओं को हल करने में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विलंब होने पर संबंधित इंजीनियरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस चेतावनी को वे हल्के में नहीं लेंगे, एसबीपीडीसीएल अब उपभोक्ता सेवाओं और बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा.
यह कदम उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और उनकी शिकायतों का समय पर समाधान करने के उद्देश्य से उठाया गया है. कंपनी का लक्ष्य है कि भविष्य में बिजली कटौती और शिकायत निवारण में होने वाली देरी को न्यूनतम किया जा सके, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिल सके. बैठक में विद्युत आपूर्ति अंचल के अधीन सभी विद्युत प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर से लेकर कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.
सिविल सर्जन और भीखनपुर पावर सब स्टेशन का औचक निरीक्षण, उपभोक्ताओं को किया क्रॉस चेक.
एसबीपीडीसीएल के डायरेक्ट (ऑपरेशन) विजय कुमार ने सिविल सर्जन और भीखनपुर पावर सब स्टेशन का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने सिविल सर्जन पावर सब स्टेशन में चल रहे फ्यूज कॉल सेंटर के कामकाज का जायजा लिया. उन्होंने उपभोक्ताओं के शिकायत रजिस्टर की गहनता से जांच की. दर्ज शिकायतों का क्रॉस-चेक करते हुए कुछ उपभोक्ताओं को सीधे कॉल लगाकर उनसे फीडबैक लिया और रजिस्टर में दर्ज जानकारी से मिलान किया.
इसके अतिरिक्त उन्होंने बिजली आपूर्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी भी जुटाई, जिसमें यह पूछा गया कि कौन-कौन से फीडर चालू थे और कौन से बंद थे और उनके बंद होने का कारण क्या था. निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही या शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी.
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