Bhagalpur News: बिहार में भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेकर अपने क्षेत्रों के विकास के लिए एक मजबूत आवाज बुलंद कर रही हैं. पिछले नौ दिनों से जारी इस कार्यक्रम में महिलाओं ने बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार के अवसरों की उपलब्धता पर विशेष ज़ोर दिया है, जिससे विकास की एक नई तस्वीर उभर रही है.
पीरपैंती की निवासी नूतन देवी ने प्रखंड मुख्यालय में स्नातक स्तर के कॉलेज की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि लड़के-लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए भागलपुर जैसे दूरदराज के शहरों पर निर्भर न रहना पड़े. उन्होंने स्थानीय स्तर पर अच्छी शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसरों की भी मांग की. इसी प्रखंड के रिफाइतपुर पंचायत में आयोजित संवाद कार्यक्रम में रिंकू देवी ने जीविका स्वयं सहायता समूहों के लिए एक समर्पित बैंक की आवश्यकता जताई, जिससे ऋण के लेनदेन में सुविधा हो सके. वहीं, 70 वर्षीय भारती देवी ने वृद्धावस्था और विधवा पेंशन की राशि में वृद्धि की पुरजोर मांग की.
दूरदराज के क्षेत्रों जैसे सन्हौला, गोपालपुर, नारायणपुर और बिहपुर की महिलाओं ने पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर ज़ोर दिया, ताकि उन्हें छोटे-मोटे इलाज के लिए भी शहर न जाना पड़े.
इस संवाद कार्यक्रम में महिलाओं ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भी चर्चा की, जिनसे उन्हें लाभ मिला है. भागलपुर के विभिन्न प्रखंडों में आज आयोजित 30 महिला संवाद कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने अपने पंचायत और समाज के विकास को लेकर अपने विचारों को खुलकर व्यक्त किया.
अब बिहार की महिलाएं केवल “घर की नारी” तक सीमित नहीं हैं, बल्कि एक सफल उद्यमी, व्यवसायी, पुलिसकर्मी, शिक्षिका और जनप्रतिनिधि के रूप में अपनी एक नई पहचान बना रही हैं. यह बदलाव बिहार सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के कारण संभव हो पाया है.
आज के कार्यक्रमों में भाग लेने वाली ग्रामीण महिलाओं और युवतियों ने सरकारी योजनाओं से लाभ उठाकर अपने जीवन में आई तरक्की की कहानियां साझा कीं. उन्होंने अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करते हुए गांव में उचित नाली व्यवस्था, अच्छी सड़कें, सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, योग्य उम्मीदवारों के लिए विधवा पेंशन में वृद्धि, राशन की दुकानों की उपलब्धता और दिव्यांगता भत्ते जैसी सुविधाओं की मांग की. पीरपैंती प्रखंड की महिलाओं ने विशेष रूप से अपने क्षेत्र में एक स्नातक स्तरीय कॉलेज की स्थापना की इच्छा व्यक्त की, ताकि उनके बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से दूर न जाना पड़े.
गौरतलब है कि बिहार सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रही है. ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में आए सकारात्मक बदलावों पर विस्तृत चर्चा करने और सरकार स्तर पर योजनाओं के निर्माण और नीति निर्धारण में महिलाओं की आकांक्षाओं को बेहतर ढंग से शामिल करने के उद्देश्य से सभी जीविका महिला ग्राम संगठन स्तर पर आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में जीविका स्वयं सहायता समूह की सदस्यों के साथ-साथ अन्य महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गांव की सभी महिलाएं एकजुट होकर गांव, समाज और राज्य के विकास पर मंथन कर रही हैं. महिला संवाद से प्राप्त सुझावों और आकांक्षाओं को एक मोबाइल ऐप के माध्यम से संधारित किया जा रहा है, जिससे राज्य के विकास के लिए नीति निर्धारण और योजनाओं के कार्यान्वयन में अपेक्षित सुधार लाने में मदद मिलेगी.