Rath Yatra : इस वर्ष सरायकेला की रथयात्रा एक नए ऐतिहासिक अध्याय की गवाह बनने जा रही है. लगभग 20 लाख रुपये की लागत से ओडिशा के कारीगरों द्वारा बनाया गया भगवान जगन्नाथ का नया रथ ‘नंदीघोष’ तैयार है. 30 फीट ऊंचा यह रथ कलिंग शिल्पकला की झलक से सजा है जिसमें भगवान विष्णु के दसों अवतार समेत कई देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई हैं. 27 जून को इसी रथ पर सवार होकर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा मौसीबाड़ी की ओर प्रस्थान करेंगे. आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की जोरदार तैयारी है और स्थानीय विधायक चंपाई सोरेन ने भी कारीगरों की सराहना की है.
ओडिशा के कारीगरों ने दी अद्भुत कलाकारी
रथ निर्माण पुरी के कोणार्क से आए अनुभवी कारीगरों ने किया है. नंदीघोष रथ पर न केवल जीवंत मूर्तिकला देखने को मिलेगी बल्कि नीलचक्र भी लगाया जायेगा, जो पुरी मंदिर के नीलचक्र की प्रतिकृति है. मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से पुण्य फल मिलता है.
40 दिन में बना 30 फीट ऊंचा रथ
करीब 40 दिन में बना यह भव्य रथ 16 फीट लंबा-चौड़ा है जिसमें 8 पहिये हैं. रथ पर चार घोड़े और एक सुंदर सारथी की मूर्ति भी लगाई गई है. रथ की प्रतिष्ठा 26 जून को होगी.
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कारीगरों को किया गया सम्मानित
मुख्य कारीगर प्रकाश कुमार ओझा सहित 10 कारीगरों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. निर्माण की शुरुआत अक्षय तृतीया से हुई थी.
ऐतिहासिक रथयात्रा की तैयारी
श्री जगन्नाथ सेवा समिति इस आयोजन को ऐतिहासिक और दिव्य बनाने में जुटी है. समिति के अध्यक्ष राजा सिंहदेव का कहना है कि रथयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को भक्ति और गौरव की अलग अनुभूति होगी.