कांग्रेस नेता राहुल गांधी
Darbhanga: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के गुरुवार को बिहार के दरभंगा दौरे पर उस समय राजनीतिक तनाव बढ़ गया, जब स्थानीय पुलिस ने उन्हें अंबेडकर कल्याण छात्रावास में प्रवेश करने से रोक दिया. राहुल गांधी वहां ‘शिक्षा न्याय संवाद’ नामक एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करने वाले थे. पुलिस की इस कार्रवाई से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया, जिन्होंने इसे सरकार द्वारा प्रायोजित तानाशाही बताया.
राहुल गांधी ने पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद छात्रों तक पहुंचने में सफलता हासिल की. छात्रावास में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “बिहार की पुलिस ने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह मुझे रोक नहीं पाई, क्योंकि आप सभी की शक्ति मेरे पीछे है.” उन्होंने छात्रों से एकजुट रहने का आह्वान किया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकतंत्र, संविधान और जाति जनगणना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का विरोध कर रही है.
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देश की 90% आबादी को अपनी ताकत पहचाननी होगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस आबादी का ध्यान भटकाने और उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है. राहुल गांधी ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी, कॉर्पोरेट जगत, शिक्षा प्रणाली और चिकित्सा प्रणाली में इस 90% आबादी का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है. उन्होंने मनरेगा का उदाहरण देते हुए कहा कि इसमें दलित, पिछड़े और आदिवासी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में हैं, जबकि देश के सारे ठेके और धन कुछ गिने-चुने लोगों के हाथों में हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी को छात्रों से मिलने से रोकना शर्मनाक, निंदनीय और कायरतापूर्ण कृत्य है. उन्होंने बिहार की JDU-BJP गठबंधन सरकार से पूछा कि क्या बिहार में नेता प्रतिपक्ष का जाना या दलितों, पिछड़ों और गरीबों की आवाज उठाना अपराध है. प्रियंका गांधी ने कहा कि बिहार की जनता इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेगी.
राजनीतिक तनाव बढ़ने की आशंका
राहुल गांधी के दरभंगा दौरे और पुलिस द्वारा उन्हें रोके जाने की इस घटना से बिहार की राजनीति में तनाव बढ़ने की आशंका है. आगामी चुनावों को देखते हुए, यह घटना JDU-BJP गठबंधन और कांग्रेस के बीच संबंधों को और खराब कर सकती है.