34.4 C
Delhi
Tuesday, June 17, 2025
MORE
    - Advertisment -
    Homeधर्मPutrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी व्रत का नोट कर लें समय, जानें...

    Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी व्रत का नोट कर लें समय, जानें शुभ मुहूर्त, उपाय और प्रभु के प्रिय भोग

    Sawan Putrada Ekadashi 2024 : हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष 24 एकादशी तिथियां होती हैं, जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है. प्रत्येक एकादशी तिथि का अलग-अलग नाम और महत्व है. श्रावण शुक्ल एकादशी का नाम पुत्रदा एकादशी है. 

    Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी व्रत का नोट कर लें समय, जानें शुभ मुहूर्त, उपाय और प्रभु के प्रिय भोग Sawan Putrada Ekadashi 2024 B
    Sawan Putrada Ekadashi 2024

    Sawan Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान को लंबी आयु, स्वस्थ एवं खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है. ऐसे सावन मास की इस एकादशी तिथि को लेकर लोगों में दूविधा की स्थिति बनी हुई है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है. एक बार पौष मास में आती है और एक सावन माह में. सावन महीने में आने वाली एकादशी बहुत खास मानी जाती है. पुत्रदा एकादशी व्रत रखने पर वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्यफल मिलता है. एकादशी तिथि का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, इस बार सावन मास की पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त शुक्रवार को है.  इस दिन संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भगवान विष्णु का व्रत और पूजन किया जाता है. भगवान विष्णु के भजन और कीर्तन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण अगले दिन, द्वादशी को सूर्योदय के बाद किया जाता है. यह व्रत संतान परिवार की सुख-शांति और खुशहाली के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पुत्रदा एकादशी व्रत का पालन श्रद्धा और नियमों के साथ करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन और ईश्वरीय कृपा प्राप्त होती है.

    पुत्रदा एकादशी 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इसका समापन 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. पुत्रदा एकादशी व्रत की पूजा सुबह 09 बजकर 39 मिनट से पहले करना शुभ रहेगा. पुत्रदा एकादशी व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. वह इस दिन संतान की प्राप्ति, खुशहाली व तरक्की के लिए उपवास रखती है.

    व्रत का पारण करने का सही समय

    सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 17 अगस्त के दिन सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर 8 बजकर 5 मिनट के बीच किया जा सकता है. व्रत का पारण करने के बाद श्रद्धा अनुसार विशेष चीजों का दान करना चाहिए.

    जानें, पूजा सामग्री लिस्ट

    विष्णु जी और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर, चौकी, पीला कपड़ा, फल, फूल, लौंग, आम का पत्ता, नारियल और सुपारी, धूप, दीप,दीया, घी, पीला चंदन, अक्षत, कुमकुम, मिठाई, तुलसी दल, पंचमेवा, माता लक्ष्मी के लिए श्रृंगार की चीजें पूजन सामग्री में शामिल करें.

    व्रत पूजा विधि

    पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर व्रत संकल्प लें. इसके बाद चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा विराजमान करें. फिर भगवान विष्णु का अभिषेक करें. पीला वस्त्र अर्पित करें और मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं. फिर देसी घी का दीपक जलाकर धनिया की पंजीरी, पंचामृत, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं. भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी जी का भी पूजन करें. भगवान विष्णु जी को पीला वस्त्र अर्पित करें और मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं. देसी घी का दीपक जलाकर धनिया की पंजीरी, पंचामृत, पीले फल और मिठाई का भोग लगाएं.

    इन चीजों का अवश्य करें दान

    पुत्रदा एकादशी के दिन वस्त्र, अन्न, धन, तुलसी का पौधा और मोर पंख का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर दान और पुण्य करने से घर में हेमशा सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और व्यक्ति के जीवन में सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बरसाती हैं. धार्मिक मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत के दौरान दान करने पर साधक को जीवन में कभी भी अन्न और धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है. अगर आप जीवन के दुखों से परेशान हो गए हैं, तो इस समस्या से मुक्ति पाने के पाने के लिए सावन मास के शुक्ल एकादशी पर इन चीजों का दान जरूर करें.

    भगवान विष्णु की आरती

    ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
    भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
    जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
    सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
    मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
    तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
    तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
    पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
    तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
    मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
    तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
    किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
    दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
    अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
    विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
    श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
    तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
    तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
    जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
    कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥

    - Advertisement -

    HelloCities24

    हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज हिंदी में सबसे पहले पढ़ें एचसी24 न्यूज़ पर. सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज वेबसाइट एचसी24 न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, पॉलिटिक्स, खेल, मनोरंजन से जुड़ी खबरें.

    संबंधित खबरें
    - Advertisment -

    जरूर पढ़ें

    Patna
    broken clouds
    36.7 ° C
    36.7 °
    36.7 °
    42 %
    5.5kmh
    72 %
    Tue
    38 °
    Wed
    38 °
    Thu
    33 °
    Fri
    35 °
    Sat
    35 °

    ट्रेंडिंग टॉपिक्स

    - Advertisment -

    अन्य खबरें

    - Advertisment -
    Close