Popcorn GST: थिएटर में मूवी का आनंद पॉपकॉर्न के साथ लेना महंगा पड़ सकता है. यह शौक जेब पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि पॉपकॉर्न की कीमतें अब इसके फ्लेवर और पैकेजिंग के आधार पर निर्धारित होंगी.
New GST Rates for Popcorn: घर से बाहर थिएटर में जाकर मूवी देखने के शौकीन इसका मजा पॉपकॉर्न के साथ उठाते हैं. हालांकि, इस शौक पर कितना खर्च होगा, यह पॉपकॉर्न के फ्लेवर से तय होगा. यानी, अब दर्शकों को इस स्नैक्स के साथ फिल्म इन्जॉय करने के लिए सोचना पड़ सकता है. क्योंकि, जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक के बाद पॉपकॉर्न की कीमतें एक नई ऊंचाई पर पहुंचने वाली हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में हो रही जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न पर नई जीएसटी दरों को मंजूरी दी गई.
सरकार के नये निर्णय के अनुसार, अगर पॉपकॉर्न साधारण नमक और मसालों से तैयार किया गया है और वह पैकेज्ड या लेबल्ड नहीं है, तो उस पर 5% जीएसटी लगेगा. लेकिन अगर पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो दर्शकों को 12% जीएसटी का भुगतान करना होगा. वहीं चीनी जैसे कारमेल से बने पॉपकॉर्न को “चीनी कन्फेक्शनरी” की कैटेगरी में रखा गया है. जिस पर 18% जीएसटी लगेगा.
ऑनलाइन डिलीवरी और ई-कॉमर्स पर सिर्फ चर्चा, निर्णय नहीं
बैठक में क्विक कामर्स (quick commerce), ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी ऐप्स पर GST को लेकर भी व्यापक चर्चा की गई. हालांकि, वित्त मंत्री ने कहा कि इस मामले में कोई निर्णय अभी नहीं लिया गया है और सभी से अपील की कि वे इस विषय पर किसी भी तरह की अटकलें न लगाएं, जब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता.
मौजूदा कर दरों में नहीं हुआ कोई बदलाव
वर्तमान में रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न, जो आमतौर पर नमक और मसालों के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है और इसमें नमकीन की विशेषताएं होती हैं. यदि यह पहले से पैक और लेबल नहीं है तो इस पर 5% जीएसटी लगेगा. यदि यह पहले से पैक और लेबल है तो जीएसटी दर 12% होगी. मौजूदा कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. परिषद ने यह तय किया है कि केंद्रीय Indirect Tax और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पॉपकॉर्न के लिए मौजूदा कराधान नियमों पर और स्पष्टता देने के लिए एक परिपत्र जारी करेगा.
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- बैंकों या वित्तीय संस्थानों द्वारा उधारकर्ताओं पर लगाए गए दंडात्मक शुल्क पर कोई जीएसटी देय नहीं होगा.
- बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती का निर्णय टाल दिया गया है क्योंकि आईआरडीएआई की टिप्पणियों सहित कई इनपुट का इंतजार है.
- 50% से अधिक फ्लाई ऐश वाले एसीसी ब्लॉक पर 12% जीएसटी लगेगा.
- काली मिर्च (ताजा, हरी या सूखी) और किशमिश पर जब किसान द्वारा सप्लाइ की जाती है, तो उन पर जीएसटी नहीं लगेगा.
- लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एलआर-एसएएम) प्रणाली के लिए जीएसटी में छूट दी गई.
- व्यापारियों को निर्यात सप्लाइ पर 0.1% की कमी की गई है.
- फोर्टिफाइड चावल कर्नेल पर जीएसटी दर को घटाकर 5% कर दिया गया है.
- जीन थेरेपी अब जीएसटी से मुक्त है.
- पूर्व-पैक और लेबल वाली वस्तुओं की परिभाषा में संशोधन की सिफारिश की गई.