बिहार के भागलपुर में यंगस्टर पर रहेगी पुलिस की विशेष नजर, नशीले पदार्थ के कारोबार पर लगेगा रोक

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Bihar News : बिहार के भागलपुर में यंगस्टर पर अब पुलिस की विशेष नजर रहेगी. नशा खत्म करने को लेकर वार्ड स्तर पर कमेटी भी बनायी जायेगी. जिलाधिकारी ने कहा कि जितने भी यंगस्टर हैं उन सब पर निगरानी रखने की जरूरत है, खासकर अंधेरे वाले स्थान, उजड़े पुराने भवन के इर्द गिर्द, उच्च विद्यालयों के समीप, हवाई अड्डा के आसपास, रात्रि में भीड़ वाली चाय एवं पान के दुकानों के समीप लगातार गस्ती होनी चाहिए.

जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने NCORD को लेकर की बैठक.

Bhagalpur News : भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने वरीय पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में NCORD (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट) को लेकर सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी के साथ समीक्षा भवन में बैठक आयोजित की गई. बैठक में नशीले पदार्थ के कारोबार पर रोक लगाने को लेकर गंभीर विमर्श किया गया. जिलाधिकारी ने कहा कि जितने भी यंगस्टर हैं उन सब पर निगरानी रखने की जरूरत है, खासकर अंधेरे वाले स्थान, उजड़े पुराने भवन के इर्द गिर्द, उच्च विद्यालयों के समीप, हवाई अड्डा के आसपास, रात्रि में भीड़ वाली चाय एवं पान के दुकानों के समीप लगातार गस्ती होनी चाहिए. यदि कोई पकड़ा जाता है तो उसके विरुद्ध अच्छी तरह से कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दोबारा वह व्यक्ति इस कार्य को ना करें.

सड़क एवं रेल मार्ग से पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों से आता ड्रग्स

वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि भागलपुर के पांच सबसे बड़ी समस्या में ड्रग्स का कारोबार भी आता है. सड़क एवं रेल मार्ग से बंगाल एवं अन्य राज्यों से ड्रग्स लाया जाता है. ड्रग्स की बड़ी-बड़ी खेप (एक-एक किलोग्राम तक) जिसकी कीमत 50 लाख रुपया से अधिक है और पकड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि खासकर 09वें वर्ग से 12वें वर्ग के बच्चे इस का आसानी से शिकार हो जाते हैं. कुछ दिनों तक आदत लगाने के लिए उन्हें फ्री में ड्रग्स दिया जाता है, जब वह आदि हो जाते हैं तो फिर बिना ड्रग्स के वह नहीं रह सकते. फिर ड्रग्स हासिल करने के लिए कोई भी घृणित अपराध करने को लेकर तैयार हो जाते हैं.

अपराध किसी भी समाज के लिए अभिशाप है : डीएम

जिलाधिकारी ने कहा कि अपराध किसी भी समाज के लिए अभिशाप है. इसे पूर्णतया समाप्त करने के लिए वार्ड स्तर पर कमेटी बनाई जाये. इसमें थाना के सेक्टर पदाधिकारी, वार्ड पार्षद, पूर्व वार्ड पार्षद, हारा हुआ वार्ड पार्षद के साथ उसे वार्ड के गणमान्य लोगों, शिक्षकों नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को शामिल किया जाये. जो नशा करने वाले और अंधेरे वाले या संदिग्ध स्थलों की सूची उपलब्ध कराएंगे. साथ ही जन जागरूकता भी करेंगे. वहां प्रकाश और गश्ती की व्यवस्था कराई जाएगी.
नशे की आदत छुड़ाने के लिए नशामुक्ति केंद्र को और सक्रिय किया जाएगा. इसके साथ ही रात्रि में चलने वाले चाय-गुटके की दुकान, बस पड़ाव, रेलवे स्टेशन, सलम एरिया पर भी अनुमंडल स्तर से छापामारी करायी जाये.

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