पटना की दीवारों पर छिड़ा पोस्टर युद्ध
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजधानी पटना में राजनीति का पारा चढ़ गया है. शनिवार को शहर की दीवारें ऐसे पोस्टरों से पट गईं, जिनमें एक-दूसरे के नेताओं पर तीखे और निजी हमले किए गए हैं. एनडीए और महागठबंधन के समर्थकों के बीच चले इस पोस्टर वॉर में तेजस्वी को “चारा चोर का बेटा”, तो चिराग पासवान को “जीजा फर्स्ट” बताया गया. वहीं, जदयू नेता संजय झा को भी परिवारवाद को लेकर घेरा गया. इस वॉर में आरोपों की भाषा इतनी आक्रामक रही कि सोशल मीडिया से लेकर गलियों तक सियासी हलचल तेज हो गई है.
पटना में कई जगहों पर लगे पोस्टरों में एनडीए को “नेशनल दामादवादी अलायंस” बताया गया है, जिसमें पीएम मोदी, नीतीश कुमार, जीतन राम मांझी और चिराग पासवान की तस्वीरें हैं. वहीं, महागठबंधन को टारगेट करते हुए “वंशवाद” और “चारा घोटाले” को उछाला गया. एक पोस्टर में लिखा है—”मेरा बाप चारा चोर है”, जो सीधे तौर पर तेजस्वी यादव पर निजी हमला है. दूसरी ओर, संजय झा को घेरते हुए लिखा गया—”इन्होंने क्या दिया बिहार को? सब कुछ दिया अपने परिवार को.” इस तरह के पोस्टर चुनावी विमर्श को मुद्दों से हटाकर तीखी व्यक्तिगत बयानबाजी की तरफ ले जा रहे हैं.
इन पोस्टरों को लेकर अब तक किसी भी राजनीतिक दल ने औपचारिक रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन पोस्टरों की शैली और निशानों से दोनों पक्षों के समर्थकों की भागीदारी मानी जा रही है. खास बात ये रही कि जिन नेताओं पर हमला हुआ, उनमें से किसी ने सीधे प्रतिक्रिया नहीं दी. यह चुप्पी भी अब चर्चाओं में है—क्या रणनीतिक चुप्पी है या हड़बड़ी में जवाब से बचाव? चुनावी माहौल में अब ये पोस्टर वॉर केवल पटना तक सीमित नहीं रहेगा, इसकी चिंगारी पूरे बिहार में फैल सकती है.
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