लोकसभा की तस्वीर
Parliament Session : अमेरिका द्वारा 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किये जाने के मुद्दे पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ.
Parliament Session : अमेरिका द्वारा 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किये जाने के मुद्दे पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ. विपक्ष मामले पर चर्चा की मांग कर रहा है. लोकसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल से जुड़े सवालों के साथ हुई. इसका जवाब नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने दिया. इस बीच, विपक्ष के सांसदों ने सैन्य विमानों द्वारा अमेरिका से भारतीयों को वापस लाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की.
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. यह हंगामे की वजह से हुआ. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन के मुद्दे पर 2 बजे बयान देंगे.
महाकुंभ में भगदड़ और अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. यह दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
अमेरिकी सरकार द्वारा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और गुजरात से संबंधित 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया गया है. यह बातें लोकसभा में कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, उन्होंने कहा कि ”यह बहुत ही दुखद और अपमानजनक हैं. निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं, 12 नाबालिग और 79 पुरुष शामिल हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक मणिकम टैगोर ने अमेरिका से भारतीयों को अमानवीय तरीके से निकाले जाने पर स्थगन प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस दिया. टैगोर ने प्रस्ताव में उन रिपोर्टों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया था कि निर्वासित लोगों को हथकड़ी और बेड़ियां लगाकर सैन्य विमानों में ले जाया गया था. उन्होंने कहा कि यह उनकी गरिमा का स्पष्ट उल्लंघन है.
सीएम भूपेन्द्र पटेल ने किया एलान, गुजरात में UCC लागू करने के लिए कमेटी गठित
पप्पू यादव से मिलते ही रोने लगे शकील अहमद खान, सांसद ने बढ़ाया हौसला
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, अमेरिका और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर सैन्य विमान से वापस भेजा है, वह बिल्कुल अमानवीय है. ”मैं अमेरिकी सरकार के इस व्यवहार से बहुत निराश हूं. मुझे आश्चर्य है कि प्रधानमंत्री चुप हैं. विदेश मंत्रालय चुप क्यों है?