Pahalagam Attack: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने एक सख्त कदम उठाते हुए अपने जवान मुनीर अहमद को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. अहमद पर आरोप है कि उन्होंने एक पाकिस्तानी महिला से अपनी शादी की जानकारी छिपाई और उसे वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में शरण दी. सीआरपीएफ ने इस कृत्य को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना है. बर्खास्तगी से पहले अहमद सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन में तैनात थे.
जानें, क्यों हुई सख्त कार्रवाई
सीआरपीएफ प्रवक्ता, पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) एम दिनकरन ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि मुनीर अहमद को उन नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया गया है, जिनमें विस्तृत जांच की आवश्यकता नहीं होती.
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “मुनीर अहमद को एक पाकिस्तानी नागरिक से अपनी शादी की बात छिपाने और वीजा की वैधता खत्म होने के बावजूद जानबूझकर उसे आश्रय देने के कारण यह कठोर कदम उठाया गया है.” डीआईजी दिनकरन ने आगे कहा कि अहमद का यह आचरण न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी हानिकारक पाया गया है.
पहलगाम हमले के बाद खुली जवान की पोल
अहमद और उनकी पत्नी मेनल खान के विवाह का रहस्य तब उजागर हुआ, जब भारत ने पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के बाद कूटनीतिक स्तर पर सख्त रुख अपनाया. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी.
इसके बाद, भारत सरकार ने देश में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने के लिए कहा था. सीआरपीएफ की आंतरिक जांच में पता चला कि अहमद और मेनल खान ने पिछले साल 24 मई को वीडियो कॉल के माध्यम से निकाह किया था.
चौंकाने वाली बात यह है कि जवान ने अपनी शादी और अपनी पत्नी के वीजा की अवधि से अधिक समय तक भारत में रहने की सूचना अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को नहीं दी थी. इस लापरवाही को सीआरपीएफ ने गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई करते हुए जवान को बर्खास्त कर दिया.