Pahalgam Attack: जम्मू-काश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है. पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा रद्द कर CCS की बैठक की, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए गए. सरकार ने सिंधु जल समझौता रोका, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए और उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया है. बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर सीसीएस की बैठक हुई. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल समेत कई और लोग शामिल हुए.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बैठक के बाद बताया कि बैठक में पाकिस्तान सिंधु जल समझौता खत्म कर दिया गया है, साथ ही अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया गया. यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली और इसमें ये सब निर्णय लिए गए हैं.
#WATCH | Delhi: Foreign Secretary Vikram Misry says, "The Defence/Military, Naval and Air Advisors in the Pakistani High Commission in New Delhi are declared Persona Non Grata. They have a week to leave India. India will be withdrawing its own Defence/Navy/Air Advisors from the… https://t.co/qGEQUfHwlZ pic.twitter.com/yziqd7PLtI
— ANI (@ANI) April 23, 2025
सीसीएस बैठक में 5 कड़े फैसले
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों से आतंकवाद के सरगनाओं के साथ पाकिस्तानी हुकूमत पर चोट लगना तय है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने ये पांच फैसले लिए हैं.
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- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा रहा है, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता.
- इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है. वैध अनुमति के साथ जो लोग इस रास्ते से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले इसी रास्ते से वापस जा सकते हैं.
- पाकिस्तानी नागरिकों को अब SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत यात्रा की इजाजत नहीं दी जाएगी. पहले जारी सभी SVES वीज़ा निरस्त माने जाएंगे. अभी SVES वीज़ा पर भारत में रह रहे किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को 48 घंटों के भीतर भारत छोड़ना होगा.
- नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सेना, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया गया है। भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से भी रक्षा/नौसेना/वायुसेना सलाहकारों को वापस बुलाएगा। दोनों उच्चायोगों में ये पद अब निरस्त माने जाएंगे। सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारी भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाए जाएंगे.
- दोनों उच्चायोगों में कर्मचारियों की कुल संख्या को मौजूदा 55 से घटाकर 30 किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया 1 मई तक पूरी कर ली जाएगी.
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पाकिस्तान पर क्या पड़ेगा प्रभाव?
1. सिंधु जल संधि (1960) रोका
सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का 80% पानी मिलता है, जो उसकी कृषि और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. पाकिस्तान में 47 मिलियन एकड़ से अधिक भूमि की सिंचाई इन नदियों पर निर्भर है. पानी की आपूर्ति रोकने से पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में कृषि उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं और चावल, पर गंभीर असर पड़ेगा, जिससे खाद्य संकट और आर्थिक अस्थिरता बढ़ सकती है. भारत का यह कदम “पानी की सर्जिकल स्ट्राइक” के रूप में देखा जा रहा है.
2. इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी का बंद होना
अटारी-वाघा सीमा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित व्यापार का प्रमुख केंद्र है. इसे बंद करने से पाकिस्तान का भारत के साथ आयात-निर्यात, विशेष रूप से कृषि और कपड़ा उत्पादों का व्यापार, प्रभावित होगा। इससे पाकिस्तान की पहले से कमजोर अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा.
4. 48 घंटे में पाक नागरिकों को छोड़ना होगा देश
48 घंटे का अल्टीमेटम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि भारत अब आतंकवाद के जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है.
5. पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारी कम करना
यह भी एक कूटनीतिक दबाव है। पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को निष्कासित करना और भारत के रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाना दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को न्यूनतम स्तर पर ला देगा. यह पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का हिस्सा है. यह कदम भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी भी सैन्य या रणनीतिक सहयोग को तैयार नहीं है, जब तक कि आतंकवाद पर उसका रुख नहीं बदलता.