Constitution Amendment Bill: मोदी सरकार संसद में एक अहम विधेयक पेश करने जा रही है, जिसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्रीय/राज्य मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोप में गिरफ्तारी की स्थिति में पद से हटाया जा सकेगा. फिलहाल संवैधानिक नियमों के अनुसार केवल दोष सिद्ध होने पर ही जनप्रतिनिधियों को पद से हटाया जा सकता है, लेकिन नया प्रस्ताव इससे एक कदम आगे बढ़कर गिरफ्तारी की स्थिति में भी पद पर बने रहने पर रोक लगाता है.
क्या है विधेयक के प्रावधान?
सूत्रों के अनुसार, यदि कोई प्रधानमंत्री, केंद्रीय या राज्य मंत्री गंभीर अपराध के आरोप में गिरफ्तार होता है और लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन से उसे पद से हटाया जाएगा या उसे स्वतः पद से मुक्त माना जाएगा. यह कदम राजनीतिक पदों की जवाबदेही बढ़ाने और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया जा रहा है.
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Wht a vicious circle! No guildelines for arrest followed! Arrests of opposition leaders rampant and disproportionate. New proposed law removes incumbent #CM etc immly on arrest. Best way to destabilise opposition is to unleash biased central agencies to arrest oppo CMs and…
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 19, 2025
अमित शाह पेश करेंगे तीन मसौदा विधेयक
गृह मंत्री अमित शाह बुधवार, 20 अगस्त को लोकसभा में तीन मसौदा विधेयक पेश करेंगे. इनमें शामिल हैं:
- संविधान का 130वां संशोधन विधेयक
- केंद्र शासित प्रदेशों के शासन में संशोधन विधेयक
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक
इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजकर अगली संसदीय सत्र की समाप्ति तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का प्रस्ताव रखा जाएगा.
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विपक्ष ने जताई कड़ी आपत्ति
कांग्रेस पार्टी ने इस कदम का विरोध किया है. वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह विधेयक विपक्षी दलों को कमजोर करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि गिरफ्तारी के स्पष्ट दिशानिर्देश न होने के कारण सत्ताधारी दल पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी मुख्यमंत्रियों को निशाना बना सकता है.
सिंघवी ने लिखा कि नया कानून विपक्षी नेताओं को बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के पद से हटाने का रास्ता खोलता है, जबकि सत्ता पक्ष के किसी भी मुख्यमंत्री को इससे कभी नुकसान नहीं होगा.
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