Site icon HelloCities24

पूर्वोत्तर में कुदरत का कहर; घर ढहे, सड़कें बहीं, असम से त्रिपुरा तक 80 हजार से अधिक लोग प्रभावित

पूर्वोत्तर में कुदरत का कहर

पूर्वोत्तर में कुदरत का कहर(फोटो: AI)

Guwahati News: पूर्वोत्तर के राज्यों में भीषण बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. असम से लेकर त्रिपुरा तक लाखों लोग बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं, जबकि कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस प्राकृतिक आपदा से अब तक कई जानें जा चुकी हैं, और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन लगातार बारिश चुनौती बनी हुई है.

अरुणाचल प्रदेश में भी मूसलधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में नौ लोगों की मौत हुई है. भारी वर्षा और भूस्खलन से उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले में 1,276 पर्यटक फंस गए हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ मणिपुर के राज्यपाल से भी बात की. उन्होंने राज्यों में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.

मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में हमेशा खड़ी है : अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में हमेशा खड़ी है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लगातार बारिश के मद्देनजर नदी किनारे और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. असम सरकार ने गुवाहाटी में भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.

अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में बाढ़ के कारण सड़क परिवहन, ट्रेन और नौका सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. बाढ़ के खतरे को देखते हुए पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य के अधिकारियों ने वन्यजीवों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं. मणिपुर में भी भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है.

हजारों लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर

पिछले 48 घंटों में मणिपुर में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं, और 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सिक्किम के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से तीस्ता नदी उफान पर है. नदी की तेज धारा ने कई महत्वपूर्ण पुलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जंगू में फंसे प्रवासी मजदूर और स्थानीय नागरिक बैली ब्रिज के जरिये पैदल निकलने की कोशिश कर रहे हैं. मुंशीथांग में 29 मई को तीस्ता में गिरे पर्यटक वाहन के आठ सवारों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

इस दुखद दुर्घटना में ओडिशा की एक भाजपा नेत्री की मौत हो गई थी. लापता होने वालों में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित जोड़ा भी शामिल है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बताया कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा जिले के कई हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई है. इसके परिणामस्वरूप करीब 1,300 परिवारों को सुरक्षा के लिए सरकारी राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर लगातार कड़ी निगरानी रख रही है.

राहत शिविरों में लिए शरण

पिछले 48 घंटों में राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 883 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. सिक्किम के ऊपरी हिस्से में भारी बारिश से तीस्ता उफान मार रही है. तेज धारा ने कई महत्वपूर्ण पुलों को नुकसान पहुंचाया है. जंगू में फंसे प्रवासी मजदूर और स्थानीय नागरिक बैली ब्रिज के जरिये पैदल निकलने की कोशिश कर रहे हैं. मुंशीथांग में 29 मई को तीस्ता में गिरे पर्यटक वाहन के आठ सवारों का पता नहीं चल पाया है.

इस दुर्घटना में ओडिशा की एक भाजपा नेत्री की मौत हो गई थी. लापता होने वालों में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ का एक नवविवाहित जोड़ा भी है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि पिछले दो दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण पश्चिमी त्रिपुरा जिले के कई हिस्सों में भयंकर बाढ़ आ गई है. इसके परिणामस्वरूप करीब 1,300 परिवारों को सुरक्षा के लिए सरकारी राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है. राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी रख रही है.

इसे भी पढ़ें-
Exit mobile version