Nepal Interim Government : नेपाल ने अपने राजनीतिक इतिहास में नया अध्याय लिखा है. वरिष्ठ नेता सुशीला कार्की ने शुक्रवार को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई. समारोह में उपराष्ट्रपति राम सहाय यादव, प्रधान न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह रावत, सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे.
छह महीने में होंगे आम चुनाव
शपथ लेने के तुरंत बाद सुशीला कार्की ने आम चुनाव की तारीख घोषित करने का संकेत दिया. उनकी अध्यक्षता में हुई अंतरिम मंत्रिमंडल की पहली बैठक में 4 मार्च को आम चुनाव कराने की सिफारिश की गई. राष्ट्रपति पौडेल ने साफ कहा कि नई अंतरिम सरकार को छह महीने के भीतर संसदीय चुनाव संपन्न कराना होगा. कार्की का चयन राष्ट्रपति, सैन्य अधिकारियों और युवा प्रतिनिधियों के बीच हुई व्यापक चर्चा के बाद किया गया.
इसे भी पढ़ें-दिल्ली हाई कोर्ट में बम की धमकी, परिसर में हड़कंप, सुरक्षा बढ़ाई गई, देखें वीडियो
छोटे कैबिनेट की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्की जल्द ही छोटा मंत्रिमंडल बनाएंगी. मंत्रिमंडल की शुरुआती बैठक में संसद को भंग करने की सिफारिश भी की जा सकती है. राष्ट्रपति ने इस फैसले से पहले प्रमुख राजनीतिक दलों, नागरिक समाज और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया था.
हिंसक प्रदर्शनों के बीच मिली जिम्मेदारी
कार्की के सामने सबसे बड़ी चुनौती देश में कानून-व्यवस्था की बहाली है. बीते रविवार से नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया प्रतिबंधों के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. इन आंदोलनों ने उग्र रूप ले लिया, जिसके कारण पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अचानक पद से इस्तीफा देना पड़ा.
इसे भी पढ़ें- AI वीडियो पर हंगामा, कांग्रेस ने कहा- किसी मां को राजनीति में घसीटना गलत
जेन जेड आंदोलन का दबाव
युवाओं द्वारा चलाए गए इस आंदोलन में भ्रष्टाचार पर रोक, पक्षपात खत्म करने और सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग उठाई गई थी. इसी दौरान हुई झड़पों में एक भारतीय नागरिक समेत कम से कम 51 लोगों की जान गई. उम्मीद जताई जा रही है कि कार्की की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार से नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता पर विराम लग सकेगा.
इस वजह से ओली ने दिया था इस्तीफा
इससे पहले जेन जेड समूह की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था. प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में भ्रष्टाचार पर अंकुश, पक्षपात को समाप्त करना और सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध हटाना शामिल था. नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध के खिलाफ हाल में हुए जेन जेड प्रदर्शन में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हुई है. (इनपुट- भाषा)
इसे भी पढ़ें-
दिल्ली में निकली 1180 प्राइमरी टीचर्स की भर्ती, 1.12 लाख रुपये तक वेतन, ऐसे करें आवेदन
AI भी नहीं छीन सकता ये नौकरियां! यहां अब भी चलता है इंसानी दिमाग का सिक्का
AI बना रहा दिमाग को सुस्त, MIT की रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा