संजीव मुखिया सोमवार तक सीबीआइ की रिमांड पर
NEET Paper Leak: नीट-यूजी 2024 पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव कुमार सिंह उर्फ संजीव मुखिया अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की गिरफ्त में है. सीबीआई ने उसे पूछताछ के लिए चार दिन की रिमांड पर लिया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब रविवार, 4 मई को नीट 2025 की परीक्षा आयोजित होने वाली है.
कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक रैकेट का सरगना मुखिया पिछले शुक्रवार को पटना से गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने इस संवेदनशील मामले में पूछताछ के लिए विशेष अदालत से उसकी हिरासत मांगी थी. केंद्रीय एजेंसी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार-2 ने चार दिनों की रिमांड मंजूर की है. हालांकि, सीबीआई ने सात दिन की रिमांड का अनुरोध किया था.
रविवार को होने वाली नीट 2025 परीक्षा को लेकर यह गिरफ्तारी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. सीबीआई सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया से प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक करने के तौर-तरीकों और इसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में अहम खुलासे होने की संभावना है.
जांच में यह भी सामने आया है कि संजीव मुखिया प्रश्न पत्र हासिल करने के लिए मोटी रकम की रिश्वत देता था. चौंकाने वाली बात यह है कि प्रश्नपत्र ले जाने वाले बक्सों में लगे तीसरे छिपे हुए ताले तक उसकी पहुंच थी, जबकि आमतौर पर परीक्षा केंद्र के अधिकारियों को केवल दो तालों की जानकारी होती थी. इस गुप्त तरीके का इस्तेमाल कर वह बक्से खोलता, प्रश्नपत्रों की जिरॉक्स प्रतियां बनाता, उन्हें सावधानीपूर्वक वापस सील करता और बिना किसी संदेह के परीक्षा केंद्रों तक पहुंचा देता था.
पूछताछ में मुखिया ने यह भी दावा किया है कि देहरादून, चंडीगढ़, लखनऊ, कोलकाता, गुरुग्राम, नोएडा और गांधीनगर जैसे शहरों में चल रहे परीक्षा रैकेट में उसके मजबूत संबंध हैं.
आगामी नीट 2025 परीक्षा को लेकर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) पूरी तरह से सतर्क है और कड़ी निगरानी रख रही है. इस बार किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रम या प्रश्न पत्र लीक करने की कोशिश पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
ईओयू ने एक विस्तृत चेतावनी जारी कर नीट अभ्यर्थियों और आम नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है. चेतावनी में स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति परीक्षा में कदाचार करता है, तो उस पर लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 के तहत 10 वर्ष तक की कैद और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
ईओयू ने अपनी चेतावनी में यह भी कहा है कि साइबर अपराधी और असामाजिक तत्व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, व्हाट्सएप और एक्स (पूर्व में ट्विटर) का दुरुपयोग कर सकते हैं. वे फर्जी कॉल या संदेश भेजकर प्रश्न पत्र या उत्तर पत्र देने का झांसा देकर लोगों से पैसे ठग सकते हैं.
ईओयू ने आम जनता से अपील की है कि ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश की सूचना तुरंत नजदीकी थाने या साइबर थाने को दें. अभ्यर्थियों को विशेष रूप से सतर्क रहने और किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रश्न पत्र या उत्तर पत्र वायरल होने की स्थिति में संबंधित संदेश का लिंक (यूआरएल) और जानकारी तुरंत पुलिस को देने का आग्रह किया गया है.
साइबर निगरानी इकाई ने सहायता के लिए दूरभाष/व्हाट्सएप नंबर 8544428404 और ईमेल आईडी spcyber-bih@gov.in जारी किया है, जहां ऐसी गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट की जा सकती है. इसके अतिरिक्त, ठगी की शिकायतें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी दर्ज कराई जा सकती हैं.
ईओयू ने स्पष्ट रूप से कहा है कि परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं और अफवाह फैलाने, भ्रमित करने या धोखाधड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.