Doha Diamond League: भारत के जेवलिन स्टार नीरज चोपड़ा ने दोहा डायमंड लीग 2025 में इतिहास रचते हुए अपने करियर में पहली बार 90 मीटर की बाधा को पार कर लिया है. यह उपलब्धि भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और लंबे समय से नीरज चोपड़ा का सपना रही है.
नीरज ने अपने पहले थ्रो में 88.44 मीटर के साथ शानदार शुरुआत की, लेकिन तीसरे प्रयास में उन्होंने सब कुछ बदल दिया. उनका तीसरा थ्रो 90.23 मीटर का था, जो न केवल उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, बल्कि दोहा डायमंड लीग में उन्हें मजबूत बढ़त भी दिलाता है. इस थ्रो के साथ, चोपड़ा 90 मीटर का आंकड़ा पार करने वाले विश्व के 25वें और एशिया के तीसरे भाला फेंक खिलाड़ी बन गए हैं.
90 मीटर पार कर रचा नया अध्याय
The Neeraj Chopra 90m Throw pic.twitter.com/A1oq4fVQbm
— Romil Shukla (@RomilShukla) May 16, 2025
27 वर्षीय चोपड़ा, जिन्होंने दो ओलंपिक पदक जीते हैं, अब एशियाई भाला फेंक में एक विशिष्ट क्लब का हिस्सा बन गए हैं. उनसे पहले केवल पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अरशद नदीम (92.97 मीटर) और चीनी ताइपे के चाओ सुन चेंग (91.36 मीटर) ही 90 मीटर से अधिक का थ्रो फेंक पाए थे. नीरज अब पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा में विश्व की अग्रणी मार्क तालिका में 23वें स्थान पर हैं.
इस सूची में जर्मनी के मैक्स डेहिंग (90.20 मीटर) और त्रिनिदाद और टोबैगो के केह्रॉन वाल्कोट (90.16 मीटर) चोपड़ा से ठीक पीछे हैं. नीरज के मौजूदा कोच और चेक गणराज्य के जान जेलेंजनी, 1996 में बनाए गए 98.48 मीटर के विश्व रिकॉर्ड थ्रो के साथ विश्व मार्क तालिका में शीर्ष पर हैं. 90 मीटर से अधिक भाला फेंकने वाले 25 खिलाड़ियों में छह जर्मनी से, चार फिनलैंड से, दो चेक गणराज्य से, और एक-एक ग्रेनेडा, पाकिस्तान, केन्या, रूस, ग्रीस, नॉर्वे, ग्रेट ब्रिटेन, चीनी ताइपे, अमेरिका, लातविया, एस्टोनिया और त्रिनिदाद और टोबैगो से हैं, जिसमें अब भारत से नीरज चोपड़ा भी शामिल हो गए हैं.
𝐓𝐡𝐞 𝐰𝐚𝐢𝐭 𝐢𝐬 𝐨𝐯𝐞𝐫! 🔥
— Olympic Khel (@OlympicKhel) May 16, 2025
Neeraj Chopra finally breaches the 90m mark at the Doha Diamond League, launching a career-best throw of 90.23m!#DohaDL pic.twitter.com/8aQ1kUyVZE
नीरज चोपड़ा का पूरा हुआ सपना
यह ऐतिहासिक उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब कुछ लोगों ने 2024 के सीजन को नीरज के लिए निराशाजनक माना था, जिसमें उन्होंने टोक्यो ओलंपिक स्वर्ण के बाद ओलंपिक रजत पदक जीता. हालांकि, नीरज ने उल्लेखनीय निरंतरता बनाए रखी है, लगभग हर इवेंट में पोडियम पर जगह बनाई है.
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90 मीटर का आंकड़ा पार करना, जिसे पुरुषों की भाला फेंक में लंबे समय से “स्वर्ण मानक” माना जाता है, 26 वर्षीय खिलाड़ी की पहले से ही चमकदार उपलब्धियों में एक और मील का पत्थर जोड़ता है. नीरज की यह सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि भारतीय एथलेटिक्स के लिए भी एक गौरव का क्षण है, जो देश में भाला फेंक के बढ़ते कद को दर्शाता है. भारत के किशोर जेना भी पुरुषों की जेवलिन थ्रो स्पर्धा में एक्शन में थे.