Home बिजनेस मुकेश अंबानी का शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल; ICT मुंबई को 151 करोड़ का भव्य दान

मुकेश अंबानी का शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल; ICT मुंबई को 151 करोड़ का भव्य दान

0
मुकेश अंबानी का शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल; ICT मुंबई को 151 करोड़ का भव्य दान
Mukesh Ambani

Mukesh Ambani: रिलायंस समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का एक बड़ा दान देकर शिक्षा और अनुसंधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. यह ऐतिहासिक घोषणा उन्होंने अपने गुरु प्रोफेसर एमएम शर्मा की जीवनी ‘डिवाइन साइंटिस्ट’ के विमोचन समारोह में की. स्वयं इसी संस्थान के पूर्व छात्र रहे अंबानी ने इस कार्यक्रम में तीन घंटे से अधिक समय बिताया, जो संस्थान और अपने शिक्षकों के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है. उनका यह योगदान भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देगा.

ICT से गहरा नाता: अंबानी की यादें और गुरु का प्रभाव

मुकेश अंबानी ने 1970 के दशक में ICT (तब UDCT) से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी. कार्यक्रम में उन्होंने भावुक होकर बताया कि प्रोफेसर एमएम शर्मा का पहला व्याख्यान उनके जीवन के लिए एक बड़ा प्रेरणास्रोत बन गया था. संस्थान और अपने गुरु के प्रति इसी भावनात्मक जुड़ाव और सम्मान के चलते उन्होंने यह महत्वपूर्ण योगदान देने का फैसला किया.

गुरु का आदेश, अंबानी का ऐतिहासिक दान

अपने संबोधन में मुकेश अंबानी ने कहा, “जब प्रोफेसर शर्मा ने मुझसे कहा – ‘मुकेश, तुम्हें ICT के लिए कुछ बड़ा करना है’, तभी मैंने यह निर्णय लिया.” उन्होंने आगे कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि मैं ICT को 151 करोड़ रुपये दान दे रहा हूं.” यह वक्तव्य दर्शाता है कि गुरु के एक शब्द पर अंबानी ने बिना देरी किए यह बड़ा कदम उठाया.

प्रोफेसर शर्मा: अंबानी की नज़र में ‘राष्ट्र गुरु’

मुकेश अंबानी ने प्रोफेसर शर्मा के योगदान को याद करते हुए उन्हें ‘राष्ट्र गुरु — भारत के गुरु’ की उपाधि दी. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर शर्मा ने भारत के आर्थिक सुधारों की नींव रखने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने नीति निर्माताओं को यह समझने में मदद की कि भारत को ‘लाइसेंस-परमिट-राज’ से मुक्ति दिलाकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना कितना आवश्यक है.

विज्ञान और उद्यमिता से भारत के समृद्ध भविष्य का विजन

अंबानी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रोफेसर शर्मा और उनके पिता धीरूभाई अंबानी दोनों का यह सपना था कि भारत के उद्योग जगत को संसाधनों की कमी से निकालकर वैश्विक मंच पर पहुंचाया जाए. उनका दृढ़ विश्वास था कि विज्ञान, तकनीक और निजी उद्यमिता मिलकर देश की प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं. यह दान भारत में विज्ञान और उद्योग के भविष्य के प्रति उनके गहरे विश्वास को दर्शाता है.

इसे भी पढ़ें-

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए Hellocities24 कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version