PM NARENDRA MODI लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं. उनके पिछले दो कार्यकाल में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और अब उनका सपना इसे तीन सबसे बड़ी सुपरपावर में शामिल करना है. देश के ग्रोथ रेट और विकास को देखते हुए इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) और Goldman Sachs जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भविष्यवाणी की है कि कुछ दशकों में भारत पीएम मोदी के सपने से भी आगे निकल जाएगा. यानी वह दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी होगा. हालांकि, नंबर चार पर आने में बस कुछ ही महीनों का समय बचा है.
आईएमएफ का अनुमान है कि 2025 तक देश की जीडीपी जापान से आगे निकल जाएगी और वह चौथें नंबर पर आ जाएगा. आईएमएफ ने पिछले महीने कहा था कि अगले साल तक देश की जीडीपी 4.34 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जबकि जापान की जीडीपी 4.31 ट्रिलियन डॉलर पर होगी. आईएमएफ ने कहा कि जापानी करंसी येन में आई गिरावट के चलते जहां भारत अगले साल ही चौथे नंबर पर आ जाएगा. पहले आईएमएफ ने 2026 की भविष्यवाणी की थी.
तीसरी सबसे बड़ी सुपरपावर बनने में लगेंगे कितने साल?
देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम होगा. पीएम मोदी के सपने को साकार होने में तीन साल का इंतेजार करना होगा. 16 मई को प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सानियाल ने कहा कि 2027 तक देश जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सुपरपावर बन जाएगा. उनसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी भारत को लेकर यही बात कही थी. संजीव सानियाल वे कहा कि इस समय भारत की जीडीपी 3.7 ट्रिलियन डॉलर है और जर्मनी 4.6 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है, लेकिन जर्मनी की इकोनॉमी रुक गई है और इसमें कोई ग्रोथ नहीं हो रही है.
अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी प्रभावित
संजीव सानियाल ने कहा कि इस ग्रोथ के साथ देश 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. भारत के ग्रोथ रेट से कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी प्रभावित हैं. एशियन डेवलपमेंट और फिच रेटिंग्स का अनुमान है कि देश का 2025 तक ग्रोथ रेट 7 फीसदी हो जाएगा, जबकि आईएमएफ, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग और मोरगन स्टेनली ने 6.8 फीसदी का अनुमान जताया है.
कांग्रेस सरकार के 9 साल के कार्यकाल में टॉप 10 में भी नहीं था भारत
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पीएम मोदी के कार्यकाल में देश की जीडीपी 2014 से 2023 के बीच 83 फीसदी बढ़ी है. साल 2004 से मई, 2014 तक देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए की सरकार थी. इस दौरान मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. इन नौ सालों में देश की अर्थव्यवस्था टॉप 10 में भी नहीं थी. 2004 में दुनियाभर में देश 12वें नंबर था और 2014 में 11वें नंबर पर आ गया. इन नौ सालों में देश की पॉजिशन में सिर्फ एक पायदान का ही फर्क आया.