
Bhagalpur News: दिल्ली के द्वारिका स्थित दिल्ली हाईट स्कूल में ‘जीवन जागृति सोसाइटी’ की ओर से हृदयाघात के मामलों में जीवनरक्षक तकनीक सीपीआर (CPR) की लाइव ट्रेनिंग दी गई. कार्यक्रम का नेतृत्व सोसाइटी के अध्यक्ष व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिंह ने किया. आयोजन दिल्ली ब्रांच के संयोजन में हुआ, जहां शिक्षकों और छात्रों को बताया गया कि अचानक हार्ट अटैक पड़ने पर शुरुआती कुछ मिनटों में अगर सही तरीका अपनाया जाए, तो व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है.
क्या है सीपीआर, और क्यों है ये इतना जरूरी
सीपीआर यानी कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन, एक ऐसी जीवनरक्षक प्रक्रिया है जो दिल की धड़कन और सांस रुक जाने की स्थिति में दी जाती है. डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि आजकल लोग जिम करते हुए, डांस करते, गाते या टहलते वक्त भी हृदयाघात का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में सही वक्त पर सीपीआर दिया जाए तो 50 प्रतिशत जानें बच सकती हैं.
उन्होंने समझाया कि इस प्रक्रिया में दोनों हथेलियों को इंटरलॉक कर, छाती की हड्डी के निचले भाग से दो अंगुल ऊपर दबाव दिया जाता है. 30 बार छाती को दबाने के बाद दो बार मुंह से सांस दी जाती है. यह प्रक्रिया तब तक दोहरानी होती है जब तक कि व्यक्ति की सांस लौट न आए या एम्बुलेंस न पहुंच जाए.
आयोजन में शामिल हुए कई गणमान्य
कार्यक्रम में दिल्ली ब्रांच के अध्यक्ष सरदार जोगिंदर सिंह, सरदार नवनीत सिंह, सचिव श्रीराम सिंह, विनीत सिंह, स्कूल के चेयरमैन आकाश यादव, प्रिंसिपल निशा जैन और रितेश कुमार झा भी उपस्थित थे. सभी ने सीपीआर ट्रेनिंग को उपयोगी और जरूरी बताया और इसे स्कूलों में नियमित रूप से सिखाने की बात कही.