लालू यादव और तेजस्वी यादव
Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर फिर से सरगर्मी तेज हो गई है. हाल ही में मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब निगाहें राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर टिक गई हैं. पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन 5 जुलाई को पटना में प्रस्तावित है, जहां बड़ा फैसला हो सकता है. सूत्रों की मानें तो लालू प्रसाद यादव एक बार फिर कमान संभालने की तैयारी में हैं. उनका स्वास्थ्य पहले से बेहतर है और पार्टी में उन्हें ही चेहरा बनाए रखने की सहमति बन रही है. इस बीच बाबा साहब अंबेडकर पर कथित बयान को लेकर उन्हें नोटिस भी भेजा गया है, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है.
राजद ने मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर संगठन में बदलाव की शुरुआत कर दी है. अब पार्टी का पूरा ध्यान राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर केंद्रित है. माना जा रहा है कि यह जिम्मेदारी फिर से लालू यादव को सौंपी जाएगी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सहमति उनके पक्ष में है और जल्दी ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है.
राजद का राष्ट्रीय अधिवेशन 5 जुलाई को पटना के बापू सभागार में आयोजित किया जाएगा. यहीं पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगने की संभावना है. लालू यादव के नाम पर लगभग आम राय बन चुकी है. हालांकि तेजस्वी यादव की भूमिका भी पार्टी के रणनीतिक और संगठनात्मक फैसलों में बनी रहेगी.
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मंगनी लाल मंडल की नियुक्ति को आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति से जोड़ा जा रहा है. पार्टी अति पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक को मजबूत करना चाहती है. यह नियुक्ति लालू यादव की पसंद मानी जा रही है, जबकि तेजस्वी यादव की कोर टीम ने किसी अन्य नाम का समर्थन किया था.
इधर पार्टी सुप्रीमो लालू यादव को एक पुराने वीडियो को लेकर नोटिस जारी हुआ है. आरोप है कि उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अनुसूचित जाति आयोग ने उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. जवाब नहीं मिलने की स्थिति में उनके खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है.