पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका की हत्या के बाद पूरे राज्य में आक्रोश और व्यापारियों में डर का माहौल है. ऐसे में बिहार के पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार खुद मैदान में उतरे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस हाई-प्रोफाइल केस की जांच अब पुलिस मुख्यालय की सीधी निगरानी में होगी. फॉरेंसिक रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और तकनीकी साक्ष्यों की गहराई से जांच के निर्देश दिए गए हैं.
एसआईटी का गठन, सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया
सूत्रों के अनुसार, खेमका हत्याकांड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है, जिसमें एसटीएफ और पटना सेंट्रल जोन के अनुभवी अधिकारियों को शामिल किया गया है. डीजीपी ने कहा कि हर एंगल से जांच कर आरोपियों की पहचान कर शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने सभी जिलों के एसपी को भी अलर्ट किया है कि अपराधियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखें और व्यापारिक क्षेत्रों में गश्ती बढ़ाएं.
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पुलिस को देर से सूचना का विवाद, DGP ने दी सफाई
परिवार की ओर से घटना की देर से सूचना देने का आरोप खारिज करते हुए डीजीपी ने बताया कि गोलीबारी रात 11.40 बजे हुई और परिवार पहले खेमका को अस्पताल ले गया. वहां से करीब 30–35 मिनट बाद पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारी 12.40 बजे तक घटनास्थल पर पहुंच गए.
‘यह सिर्फ एक वारदात नहीं, गंभीर चुनौती है’: DGP
डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि यह महज एक आपराधिक वारदात नहीं बल्कि समाज में डर पैदा करने की साजिश भी हो सकती है. इसलिए इसकी जांच पूरी संवेदनशीलता के साथ की जा रही है और अपराधियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. मुख्यालय खुद इस पर लगातार नजर बनाए हुए है.
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