Jharkhand Politics: झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपाई सोरेन के बीजेपी सदस्यता ग्रहण समारोह में कहा कि हर मोर्चे पर हेमंत सरकार फिसड्डी साबित हुई है. झामुमो के लोग और विधायक भी इस सरकार में अपमानित महसूस कर रहे हैं. झारखंड में साढ़े चार वर्षों में जिस प्रकार से हेमंत सरकार ने काम किया है, वह किसी से छिपा नहीं है.
Jharkhand Politics : झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार में विधायक अपमानित हो रहे हैं. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के सदस्यता ग्रहण सह मिलन समारोह में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कोई वजूद नहीं रह गया है. झामुमो के विधायक से बात होती है, तो वे लोग कहते हैं कि बड़ा अपमानित महसूस कर रहे हैं. हमलोगों का कोई वजूद ही नहीं रह गया है. इस सरकार में बिचौलियों और भ्रष्ट अफसरों की पूछ है. चंपाई सोरेन बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने समय पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. मिलन समारोह में प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, आदित्य साहू, दीपक प्रकाश, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, समीर उरांव, नवीन जायसवाल, मधु कोड़ा, गीता कोड़ा, सीता सोरेन, दिनेशानंद गोस्वामी समेत कई नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे.
तीर-धनुष को अपनी जागीर समझ लिया है : सीता सोरेन
पूर्व विधायक सीता सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीर-धनुष को अपनी जागीर समझ लिया है. इसका इस्तेमाल धरती पुत्र की सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि डराने के लिए हो रहा है. जिनके हाथों में तीर-धनुष की कमान रहनी चाहिए, वह (दुर्गा सोरेन) अब इस दुनिया में नहीं है. मैंने 14 साल तक अपमान सहा. इसके बाद पार्टी छोड़ने को मजबूर हुई. मैंने सोचा भी नहीं था कि चाचा चंपाई सोरेन का अपमान होगा.
आंदोलनकारियों को अपमानित कर रहा झामुमो : विद्युत वरण महतो
जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि अब आंदोलनकारियों को अपमानित किया जा रहा है. झामुमो में परिवारवाद हावी हो गया है. चंपाई सोरेन ने अपने बलबूते अलग झारखंड की लड़ाई लड़ी. झामुमो को मजबूती दी. लेकिन परिवारवाद के कारण पार्टी आंदोलनकारियों को अपमानित करने का काम कर रही है.
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झारखंडवासियों के दर्द को भाजपा ने महसूस किया है
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा ही आदिवासियों और मूलवासियों के दर्द समझती है. झारखंडवासियों के दर्द को महसूस नहीं किया. अगर किसी ने महसूस किया तो वह भाजपा है. अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन कर राज्यवासियों की इस मुंहमांगी मुराद पूरी की. आदिवासियों के लिए भारत सरकार में अलग से मंत्रालय गठित करने सहित अन्य कई ऐतिहासिक कार्य भाजपा द्वारा किया गया.