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Jharkhand Politics: चंपाई सोरेन के बाद लोबिन हेम्ब्रम ने भी थामा BJP का दामन, कहा-पार्टी की नई पीढ़ी के नेता से नाराज हैं

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HelloCities24
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Jharkhand Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कद्दावर नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बाद पार्टी के एक और पूर्व विधायक भगवा रंग में रंग गया है. रांची के भाजपा मुख्यालय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. जानिए, कौन है वह?

रांची के भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है.

Jharkhand Politics: झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति सरगर्मी तेज गयी है. चंपाई सोरेन के बाद एक और झामुमो नेता ने भाजपा का दामन थाम लिया है. वह कोई ओर नहीं, लोबिन हेम्ब्रम है. संताल परगना के बोरियो से निर्वाचित लोबिन हेम्ब्रम भी अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं. रांची के भाजपा मुख्यालय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह-प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने लोबिन हेंब्रम को माला पहनाकर और अंगवस्त्र देकर भाजपा में शामिल करवाया. इस अवसर पर चंपाई सोरेन और मधु कोड़ा भी मौजूद थे.

झारखंड आंदोलन में लोबिन हेम्ब्रम की सक्रिय भूमिका रही है

लोबिन हेम्ब्रम का झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका रही है. संताल परगना के लोकप्रिय नेता 5 बार विधायक रह चुके हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भी उन्हें भाजपा का पट्टा पहनाया.

जानें, किसने हाथ पकड़कर राजनीति सिखायी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता लेने के बाद लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि बचपन से 2024 तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए समर्पित रहा. मुझे दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने हाथ पकड़कर राजनीति सिखायी. उन्होंने ही सिखाया कि जहां भी गलत हो रहा हो, उसका विरोध करो. उन्होंने कहा कि आज का झामुमो शिबू सोरेन वाली पार्टी नहीं है. उनके बेटे हेमंत सोरेन ने पार्टी के मूल आदर्शों को विलुप्त कर दिया है.

झारखंड का विकास भाजपा ही कर सकती है : लोबिन हेम्ब्रम

लोबिन हेम्ब्रम ने भी कहा कि झारखंड का विकास भाजपा ही कर सकती है. मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमारे राज्य का विकास करेंगे. उन्होंने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से उनकी कोई नाराजगी नहीं है. वह पार्टी की नई पीढ़ी के नेता से नाराज हैं. पुराने नेताओं की कोई इज्जत पार्टी में नहीं रह गई है.

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