JDU Withdrawn Support to BJP: जनता दल यूनाइटेड(JDU) ने मणिपुर में बीजेपी(BJP) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की खबर है. राज्यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा है.
JDU VS BJP: जनता दल यूनाइटेड(JDU) ने मणिपुर में बीजेपी(BJP) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की खबर है. नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड ने समर्थन वापस लेने का एलान कर भारतीय जनता पार्टी को जोरदार झटका दिया है. जेडीयू ने बुधवार को मणिपुर की भाजपा नीत सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है. चर्चा है कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के.एस.बीरेन ने मणिपुर के राज्यपाल ला. गणेशन को एक आधिकारिक पत्र सौंप दिया है. मणिपुर में जेडीयू के छह विधायक थे, जिनमें से पांच पहले ही बीजेपी में शामिल हो गए थे और जेडीयू के सिर्फ एक ही विधायक वहां बचे हैं.
अब राज्य विधानसभा में जेडीयू का एकमात्र विधायक विपक्ष की बेंच पर बैठेगा. मणिपुर में 2022 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने छह सीटें जीतीं, लेकिन चुनाव के कुछ महीनों बाद, पांच विधायक भाजपा में चले गए, जिससे सत्तारूढ़ दल की संख्या मजबूत हो गई. हालांकि मणिपुर सरकार को इससे कोई नुकसान नहीं होगा. हालांकि, नीतीश कुमार ने बीजेपी सरकार से जदयू का समर्थन वापस लेने का निर्णय क्यों लिया, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है.
जनता दल यूनाइटेड की मणिपुर इकाई के पत्र में कहा गया है कि जेडीयू की मणिपुर इकाई प्रदेश में बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का समर्थन नहीं करती है. इसलिए हमारे एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर को सदन में विपक्षी विधायक माना जाएगा.
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राज्य विधानसभा में मजबूत बहुमत रखने वाली भाजपा के बिना किसी महत्वपूर्ण व्यवधान के सत्ता पर अपना कब्जा बनाए रखने की संभावना है. जेडीयू के पीछे हटने के बावजूद उसके इस कदम से बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की स्थिरता को तत्काल कोई खतरा होने की आशंका नहीं है.
साल 2022 में नीतीश कुमार की पार्टी के पाला बदलने वाले पांच विधायक केएच जॉयकिशन, एन सनाटे, मोहम्मद अछबुद्दीन, पूर्व पुलिस महानिदेशक एएम खौटे और थंगजाम अरुण कुमार थे. इन पांचों विधायकों ने एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की बीजेपी सरकार को समर्थन दिया था.